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फरीदाबाद,12 जून। जे.सी.बोस विश्वविद्यालय वाईएमसीए फ़रीदाबाद के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आज चतुर्थ ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप-2025 का विधिवत शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में पांचजन्य पत्रिका के संपादक हितेश शंकर और जेआईएमएस के पूर्व निदेशक एवं शिक्षाविद प्रो.रवि के धर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कुलगुरु प्रो.
सुशील कुमार तोमर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। डीन प्रो.अनुराधा शर्मा और मीडिया विभागाध्यक्ष प्रो.पवन सिंह ने सभी अतिथियों को पटका, पौधा एवं पुस्तक के रूप में स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। एक महीने तक चलने वाली इस इंटर्नशिप में पंजीकृत हुए 44 विद्यार्थियों को मीडिया क्षेत्र से संबंधित व्यावहारिक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
स्टूडियो में आयोजित इस उद्घाटन सत्र में मीडिया विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलगुरु प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कहा कि इंटर्नशिप का स्वरूप बदला है। उन्होंने बचपन के अनुभवों से लेकर न्यूटन और रामानुजन जैसे वैज्ञानिक दिग्गजों के प्रेरक प्रसंग के माध्यम से बताया कि कैसे अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलना ही वास्तविक विकास को बढ़ावा देता है। व्यावहारिक एवं वास्तविक ज्ञान प्राप्त करना ही इंटर्नशिप का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने छात्रों को अपने साथियों से सीखने, अपने शिक्षकों का सम्मान करने और यह पहचानने के लिए प्रोत्साहित किया कि फलदायी परिणाम कड़ी मेहनत से प्राप्त होते हैं, ठीक उसी तरह जैसे पेड़ के फूल और फल सफलता तो पत्ते उसके श्रम का प्रमाण होते हैं।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर रवि के.धर ने दार्शनिक मार्ग अपनाते हुए मौन को सबसे शक्तिशाली भाषा बताया। जो उभरते मीडिया पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि है। कश्मीरी अध्यात्म से प्रेरणा लेते हुए, उन्होंने ध्वनि और चेतना के आध्यात्मिक आयामों को साझा किया। मीडिया विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने कार्यों को भारतीय प्राचीन ज्ञान परंपरा के साथ जोड़ते हुए सेवा के साथ 'कार्य में आर्य' से रचनात्मक योद्धा बनें।
वरिष्ठ पत्रकार हितेश शंकर ने विश्वविद्यालय के विश्व स्तरीय मीडिया बुनियादी ढांचे की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और ज्ञान की मुक्तिदायक शक्ति पर जोर दिया. उन्होंने पत्रकारिता के विद्यार्थियों को नैतिकता को अपनाने, गहन पठन और लेखन में संलग्न होने और इस क्षेत्र में जुनून और जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस उद्योग में, समय-सीमा आपकी टैगलाइन है। उन्होंने मीडिया छात्रों से प्रतिबद्ध और आत्म-जागरूक रहने का आग्रह किया।
डीन डॉ.अनुराधा शर्मा ने अपने संबोधन में इंटर्नशिप को सिद्धांत और व्यवहार के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु बताते हुए मीडिया विद्यार्थियों को इंटर्नशिप में सफलता की कामना की। विभागाध्यक्ष प्रो.पवन सिंह ने ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप की अवधारणा का परिचय देते हुए इसे विभाग का विशेष आधार बताया जो मीडिया विद्यार्थियों को वर्तमान मीडिया क्षेत्र की व्यावहारिकता में दक्षता उपलब्ध कराती है। विभाग विगत चार वर्षों से इंटर्नशिप का आयोजन करता आ रहा है। इंटर्नशिप में सर्वाधिक 44 पंजीकृत पत्रकारिता के छात्रों के लिए व्यावहारिक मीडिया अनुभव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक स्वैच्छिक पहल के रूप में इसके महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का मंच संचालन सौरभ शुक्ला ने किया। तनिष्का नंदा ने संचार के बारे में जानकारी दी। वहीं हेमंत शर्मा ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। इस अवसर पर संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग से सहायक प्राचार्य डॉ.सोनिया हुड्डा, डॉ. तरुणा नरूला, डॉ.के.एम.ताबिश, वरिष्ठ प्रशिक्षक दुष्यंत त्यागी, प्रोडक्शन सहायक पंकज सैनी और अंजू सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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