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फरीदाबाद ,26 मई।
देश के मजदूरों के प्रमुख संगठन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीआईटीयू) की राष्ट्रीय जरनल कौंसिल की मीटिंग सूरजकुंड में आयोजित की गई। इस बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों को समाप्त कर बनाए गए चार लेबर कोड्स को लागू करने सहित आक्रमक तरीके से लागू की जा रही जनविरोधी और मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की गई। मीटिंग में इन नीतियों के खिलाफ 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल करने का फैसला लिया गया। यह ऐलान करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.के . हेमलता ने दो टूक कहा कि सेंटर इंडियन ऑफ ट्रेड यूनियन्स (सीआईटीयू) मजदूर - कर्मचारी हितों के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों के खिलाफ बड़ा प्रतिरोध खड़ा करेगी। महासचिव कामरेड तपन ने जरनल कौंसिल में केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और सांगठनिक एवं आंदोलनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की। राष्ट्रीय सचिव सुदीप दत्ता ने आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते प्रभाव और इसके प्रभावों पर विशेष पेपर प्रस्तुत किया। स्वागत समिति के चेयरमैन एवं अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने मीटिंग में आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया और 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व सफलता सुनिश्चित करने के लिए देशभर में संघनता के साथ अभियान चलाने का आह्वान किया।
मीटिंग को सीआईटीयू की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. हेमलता, महासचिव तपन सेन, सचिव ए.आर.सिंधु ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश दुनिया के पूंजीपतियों के सामने घुटने टेक दिए हैं। इसलिए वह मजदूर हित में बने कानूनों को खत्म कर लेबर कोड्स को थोपना चाहती है। इसे देश की मेहनतकश आवाम बिल्कुल बरदाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई को होने वाली देशव्यापी हड़ताल इन लेबर कोड्स के खिलाफ मजदूरों का बड़ा प्रतिरोध होगा।
मजदूर नेताओं ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को तबाह करने पर लगी है। वह देश के तमाम लोकतांत्रिक ढांचों को तहस नहस करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि आज रोजगार का भयंकर संकट है। उसके चरित्र को बदला जा रहा है। आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (ए.आई) के चलते उत्पादकता बढ़ रही है। इसलिए काम के घंटे 8 से घटकर 6 किए जाने चाहिए। लेकिन केन्द्र सरकार ने लेबर कोड्स में इसे 12 घंटे तक करने का प्रावधान कर दिया है। न्यूनतम वेतन में इजाफा नहीं किया जा रहा।
प्रदेश अध्यक्ष सुरेखा, महासचिव जय भगवान, स्वागत समिति के चेयरमैन सुभाष लाम्बा व उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि आगामी दिनों में देश में मजदूर कर्मचारी नीतियों के खिलाफ राज्य में भी बड़े आंदोलन होंगे। जून माह में अभियान चलाते हुए हड़ताल को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाया जाएगा।
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