प्रदेश सरकार अप्रैल 2023 से अब तक नौ चरणों 836 कॉलोनियों को वैध कर चुकी है। अब इन वैध की जा चुकी कॉलोनियों में नागरिक सुविधाएं बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है। नगर योजनाकार विभाग ने सर्वेक्षण और नगर निगम सीमा में शामिल 2192 कॉलोनियों के लेआउट का काम निकाय विभाग को हस्तांतरित कर दिया है।
शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय की 24 अप्रैल को समीक्षा बैठक हुई थी। इसमें वैध की जा चुकी कॉलोनियों में नागरिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए हो
ने वाले कार्यों की समीक्षा की गई थी। अब वैध हो चुकी कॉलोनियों में ड्रोन सर्वे से लेकर ले-आउट प्लान पर काम होना है। जहां ये कार्य हो चुके हैं वहां तकनीकी शाखाओं को सड़क, पेयजल आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं के काम कराने होंगे।
निकाय विभाग के सूत्रों का कहना है कि वैध हो चुकी कॉलोनियों में विकास कार्यों को लेकर विभागीय तालमेल नहीं है। उदाहरण के रूप में कहीं सड़क निर्माण होना है तो जनस्वास्थ्य विभाग को पेयजल आपूर्ति व सीवरेज की लाइन बिछाने के काम में देरी हो रही है। सड़क बनने के बाद लोगों को पाइप लाइन बिछाने के लिए फिर से सड़क तोड़नी होगी। इसी तरह बिजली निगम और बरसाती पानी की निकासी के लिए नालों के निर्माण आदि के लिए भी खोदाई करनी होगी। इसमें सड़क टूटेगी।
No comments :