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फरीदाबाद 4 अप्रैल: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी) जिला सचिव मंडल फरीदाबाद ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा बिजली की दरों में की गई बढ़ोतरी की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए इसे मेहनतकश जनता पर नया बोझ करार दिया । सीपीएम ने इस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है।
पार्टी के जिला सचिव कामरेड
वीरेंद्र सिंह डंगवाल और जिला कमेटी सदस्य शिव प्रसाद ने यहां से जारी एक बयान में कहा कि बिजली की दरों में 20 से 40 पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ोतरी के साथ ही प्रति किलोवाट के हिसाब से 50 रुपए फिक्स चार्ज भी लगाया गया है। जिसका कोई भी कारण नहीं बताया गया है। और न ही इसका कोई औचित्य बनता है। नगरपालिका, पंचायत और फ्यूल सरचार्ज इसके अतिरिक्त बिल का हिस्सा होंगे। इस प्रकार वास्तविक बिल सरकार द्वारा बताई जा रही दरों से कहीं अधिक ही होंगे।
वीरेंद्र सिंह डंगवाल और जिला कमेटी सदस्य शिव प्रसाद ने यहां से जारी एक बयान में कहा कि बिजली की दरों में 20 से 40 पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ोतरी के साथ ही प्रति किलोवाट के हिसाब से 50 रुपए फिक्स चार्ज भी लगाया गया है। जिसका कोई भी कारण नहीं बताया गया है। और न ही इसका कोई औचित्य बनता है। नगरपालिका, पंचायत और फ्यूल सरचार्ज इसके अतिरिक्त बिल का हिस्सा होंगे। इस प्रकार वास्तविक बिल सरकार द्वारा बताई जा रही दरों से कहीं अधिक ही होंगे।
बिजली निगमों के घाटे को इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण बताया जा रहा है। जबकि असलियत में सरकार की बिजली नीति इसके लिए जिम्मेदार है। हरियाणा की अपनी बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की बजाय सरकार अडाणी और अन्य उत्पादकों से महंगी दरों पर बिजली खरीद कर जनता की कीमत पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है। प्री पेड स्मार्ट मीटर वालों को 5 प्रतिशत की छूट की घोषणा भी जनता को भ्रमित करने का ही कदम है।
माकपा ने कहा कि सरकार के इस जनविरोधी कदम को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। पार्टी ने मांग की है कि बिजली दरों में वृद्धि तुरंत वापस ली जाए और प्रदेश के गरीब लोगों को 300 यूनिट प्रति माह मुफ्त बिजली दी जाए।
पार्टी ने जिले के सभी विपक्षी दलों, जन संगठनों और जनता के विभिन्न हिस्सों से बिजली की दरों में वृद्धि के खिलाफ विरोध कारवाइयां करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा।
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