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फरीदाबाद,11 अप्रैल।
मजदूर-कर्मचारी विरोधी चार लेबर कोड्स को लागू करने के भाजपा सरकार के प्रयासों को रोकने, ठेका प्रथा, अस्थाई व कच्चे रोजगार के स्थान पर स्थाई नौकरी, न्यूनतम वेतन 26000 रुपए लागू करवाने, निजीकरण पर रोक लगाने, लोकतांत्रिक एवं ट्रेड अधिकारों की रक्षा करने, पुरानी पेंशन बहाली
आदि मांगों को लेकर मजदूर ओर कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर 20 मई को देशव्यापी आम हड़ताल होगी। इसकी तैयारी में शुक्रवार को हरियाणा के मजदूर व कर्मचारी संगठनों की संयुक्त बैठक फरीदाबाद में हिंद मजदुर सभा के राज्य कार्यालय में एस डी त्यागी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष अमित यादव व महासचिव धर्मवीर लोहान, सीटू प्रदेश महासचिव महासचिव जय भगवान व जिला प्रधान निरंतर पराशर, हिंद मजदूर सभा के प्रदेश महासचिव सुरेंद्र लाल व आर डी यादव, राजपाल डांगी,एटक प्रदेश महासचिव अनिल पंवार व आर एन सिंह, ए आई यू टी यू सी के राज्य सचिव हरि प्रकाश व उपाध्यक्ष ईश्वर राठी, अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की केंद्रीय कमेटी के नेता सुभाष देशवाल आदि ने भाग लिया। बैठक में हरियाणा कौशल रोजगार निगम से नौकरी से निकाले गए आउटसोर्स ठेका कर्मियों को वापिस लेने की मांग की।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हड़ताल को सफल बनाने के लिए राज्य में तमाम मजदूर, कर्मचारी, किसान संगठनों से अपील की जाएगी। उन्होंने बताया कि हड़ताल की तैयारियों को लेकर 25 अप्रैल तक सभी जिलों में कर्मचारी और मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठक की जाएगी। मीटिंग के फैसले अनुसार 25 अप्रैल से 10 मई तक जिला स्तर पर संयुक्त कन्वेंशन की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहली मई को मजदूर दिवस पर व्यापक तैयारियों के साथ संयुक्त रुप से मजदूर दिवस मनाया जाएगा और हड़ताल की ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व सफलता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक जन संपर्क अभियान चलाने के अभियान को तेज किया जाएगा। जिसके अनुसार 11 मई से 17 मई तक राज्य भर में मजदूर जत्थे चलाए जाएंगे और मजदूर सभाएं की जाएंगी। उन्होंने बताया कि 20 मई को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल करके मजदूर एवं कर्मचारी जिला मुख्यालयों और औद्योगिक केंद्रों में मजदूर क्लस्टरों पर जुलूस प्रदर्शन किए जाएंगे। बैठक में सभी संगठनों ने हरियाणा सरकार के प्रति भारी गुस्सा प्रकट करते हुए कहा कि 10 साल से न्यूनतम वेतन रिवाइज नहीं किया गया। यह लाखों मजदूरों की लूट का मामला है। सरकार तुरंत न्यूनतम वेतन रिवाइज करे और इसे 26000 रूपये प्रतिमाह करे और राज्य में तमाम त्रिपक्षीय कमेटियों में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों को रखा जाए। बैठक में फैसला लिया गया कि इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री को पत्र लिखा जाएगा और मजदूरों के मुद्दों पर बात करने के लिए समय भी मांगा जाएगा।
राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के प्रमुख मुद्दे इस प्रकार रहेंगे:-
*प्रमुख मांग*
1. मजदूर विरोधी लेबर कोड्स रद्द करो।
2. न्यूनतम वेतन ₹26000 करो।
3. ठेका प्रथा निजीकरण बंद करो, अस्थाई / कच्चे कर्मियों / स्कीम वर्कर्स को स्थाई करो।
4. निर्माण श्रमिकों सहित मजदूरों के लिए बने विभिन्न बोर्डो को मजबूत करो, सुविधाएं दो।
5. मनरेगा में 200 दिन काम ओर ₹800 मजदूरी तय करो।
6. न्यूनतम पेंशन ₹10000 करो।
7. सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करो, स्थाई कर्मचारी भर्ती करो।
8. पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करो। नौकरी से निकाले गए सभी ठेका कर्मियों को वापस लिया जाए।
9. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, ट्रांसपोर्ट क्षेत्र/ वाहन चालकों, रेहड़ी पटरी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा कानून बनाओ, लागू करो।
10. मजदूर, किसान एवं जनविरोधी नीतियां वापस लो।
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