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पुलिस आयुक्त फरीदाबाद के आदेशानुसार एवं पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय के मार्गदर्शन में सामुदायिक पुलिसिंग टीम ने आईओसीएल आर एंड डी सेंटर में साइबर अपराध जागरूकता अभियान के तहत दो सत्रों का आयोजन किया। इस दौरान लगभग 100 अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर अपराधों से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया गया।
साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती
सत्र के दौरान उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को बताया गया कि साइबर अपराध एक मनोवैज्ञानिक खेल है, जिसमें अपराधी लालच, डर या लापरवाही का फायदा उठाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
* साइबर अपराधों के प्रमुख तरीके जैसे पार्सल स्कैम, इन्वेस्टमेंट स्कीम, केवाईसी स्कैम, कस्टमर केयर फ्रॉड आदि पर विस्तार से चर्चा की गई।
* संचार साथी पोर्टल के माध्यम से बताया गया कि कोई भी नागरिक यह जांच सकता है कि उसके नाम पर कितनी सिम कार्ड जारी हैं और अनाधिकृत सिम को ब्लॉक कर सकता है।
साइबर सुरक्षा के उपाय
सभी को जागरूक किया गया कि अपनी ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
* 'साइबर अरेस्ट' या 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी कोई प्रक्रिया नहीं होती और किसी भी जांच एजेंसी द्वारा इस प्रकार की धमकी नहीं दी जाती।
* सोशल मीडिया अकाउंट्स को सुरक्षित करने के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करने, प्रोफाइल लॉक करने और अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करने की सलाह दी गई।
भारत सरकार के 'साइबर दोस्त' सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी
* सभी को बताया गया कि 'साइबर दोस्त' भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया हैंडल है, जो साइबर सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है।
* इसके सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से नवीनतम साइबर सुरक्षा उपायों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
फरीदाबाद पुलिस सभी नागरिकों से अपील करती है कि वे साइबर अपराधों से सतर्क रहें, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें और जागरूकता अभियान का हिस्सा बनकर डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करें।
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