फरीदबाद -सेक्टर - 2 में चल रही भागवत कथा के छठे दिन भगवन वामन और राम अवतार का व्यख्यान हुआ। इसी दिन सर्वेश्वर भगवान श्रीकृषण के जन्म का सजीव चित्रण भी किया गया, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के साथ ही माहौल में जोश आ गया और नाच - गाकर खुशी का इजहार किया। भक्तजनो द्वारा लाये गए उपहार उन्हें भेंट किये गए।
कथा व्यास राधिका दासी ने सबसे पहले भगवान के राम अवतार का वर्णन करते बतया कि भगवान मर्यादा की स्थापना करने और आसुरी शक्तियो से भक्तजनों को छुटकारा दिलाने के लिए अवतरित हुए। महा प्रतापी राजा दशरथ के पुत्र के रूप में उनका जन्म हुआ। भगवान के वामन अवतार के बारे में कथा व्यास राधिका दासी बताती है। भगवान विष्णु ने देवराज इंद्र को स्वर्ग वापस दिलाने और दैत्यराज बलि के घमंड को तोड़ने के लिए वामन अवतार लिया था। भगवान विष्णु ने ऋषि कश्यप और देवी अदिति के पुत्र के रूप में वामन अवतार लिया था. वामन अवतार, त्रेतायुग में भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को जन्मे थे.
इसके उपरांत श्रीकृष्ण जन्म के बारे में विस्तार से बतया गया। श्रीकृष्ण का जन्म देवकी और वासुदेव से हुआ था। वह यशोदा और नन्द के पालक पुत्र थे। उनका जन्म अपने अत्याचारी मामा कंस को मारने के लिए हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म होते ही पूरा वातावरण हर्ष से गुंजायमान हो गया और एक दूसरे को बधाईया दी गई।
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