हरियाणा में 10 नगर निगम समेत 41 निकायों के चुनाव में EVM से वोटिंग होगी। हालांकि वोटर ये नहीं देख पाएंगे कि वोट उसी को मिला, जिसे उन्होंने दिया है। इसकी वजह ये है कि इन EVM के साथ वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रॉयल (VVPAT) मशीन नहीं लगी होगी।
बता दें कि 9 नगर निगम समेत 40 निकायों में 2 मार्च को वोटिंग होगी। वहीं पानीपत नगर निगम में 9 मार्च को वोटिंग होगी। मतगणना एक साथ 12 मार्च को होगी। निकाय चुनाव में EVM पर वीवीपैट मशीन क्यों नहीं लगी, इसका वोटर पर क्या असर होगा। इन 4 सवाल-जवाब से जानिए...
पहले EVM पर वोटर निशान देखकर उसके आगे का बटन दबा देते थे। इसको लेकर राजनीतिक दलों ने सवाल उठाए कि बटन किसी का दबाओ और वोट किसी को जाता है। इसके बाद भारतीय चुनाव आयोग ने वीवीपैट मशीन शुरू की। यह मशीन EVM के साथ कनेक्ट होती है।
जब भी वोटर EVM पर बटन दबाकर वोट डालता है तो इसके साथ लगी वीवीपैट मशीन के बॉक्स में से एक पर्ची निकलती है। जिसमें वही चुनाव चिन्ह दिखाई देता है, जिसका वोटर ने वोट दबाया। यह पर्ची 7 सेकेंड के लिए दिखती है, उसके बाद पर्ची बॉक्स में गिर जाती है। वोटर को यह पर्ची नहीं मिलती। अगर कभी ईवीएम में वोटों को लेकर सवाल उठते हैं तो वीवीपैट की इन्हीं पर्चियों से उनका मिलान किया जाता है।
निकाय चुनावों में 45 हजार EVM इस्तेमाल हो रही हैं। ये EVM मशीनें M2 मॉडल की हैं। राज्य चुनाव आयोग का कहना है कि ये पुराने मॉडल की मशीनें हैं, इसलिए इन पर वीवीपैट मशीन को कनेक्ट नहीं किया जा सकता। इस वजह से वीवीपैट नहीं जोड़ी गई है।
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