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धक्के खा रहे है सूरजकुंड मेले में हस्तशिल्पी, दुकान की फीस मांग रहे है वापिस

Posted by : pramod goyal on : Saturday, 15 February 2025 0 comments
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 फरीदाबाद के सूरजकुंड में चल रहे, 38वें अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में दूसरे राज्यों से आए हस्तशिल्पी मेला अधिकारियों से अपना जमा किया पैसा वापस मांगने के लिए उनके ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। दुकानदारों को आरोप है कि मेला में पैसे लेकर कुछ दुकानदारों को प्राइम लोकेशन पर दुकानें दे दी गई है।

लेकिन बाकी को ऐसी जगह दुकान दी गई है जहां पर कोई ग्राहक नही पहुंच रहा है। जब वो रिफंड के लिए मेला अधिकारियों के पास गए तो उनको धक्के मारकर वहां से निकाल दिया गया।

गुजरात के अहमदाबाद से आई महिला दुकानदार सुनीता ने बताया कि 41 हजार 300 रुपए की फीस देकर उन्होंने मेले में दुकान ली। उनको दुकान नंबर 804 दे दिया गया। मेले में मौके पर जाकर देखा तो पता चला कि दुकान का लोकेशन ऐसी जगह दिया गया है, जहां पर कोई ग्राहक पहुंच ही नही रहा है।

दुकान लगाने के पहले दिन से वो अपनी फीस रिफंड मांग रहे है लेकिन मेला अधिकारी उनको अपने ऑफिस में तक घुसने नहीं दे रहे हैं। उनको बोला जा रहा है कि फीस का पैसा वापस नहीं होगा, दुकान लगानी है लगाओ, नहीं तो चले जाओ। सुनीता मेले में गुजराती साड़ियां, बेडशीट सहित अन्य सामान लेकर आई है।

सुनीता के साथ दूसरी महिला शिल्पकार ज्योति निवासी दिल्ली, दुकान नंबर 802, और संगीता निवासी गुजरात दुकान नंबर 805 मेले के पहले दिन से ही बंद पड़ी हुई है। सभी कई लाख रुपए का माल लेकर मेले में आए है लेकिन अब माल को वापस भेज रहे हैं।

मोहम्मद जावेद हस्तशिल्पी ने बताया कि वो पहली बार मेला में आए है। पत्नी के जेवर गिरवी रखकर उन्होंने पैसे उधार लिए। मेला में उनको ऐसी लोकेशन पर दुकान दी गई है जहां पर कोई नही आ रहा है। मेला अधिकारियों के वो चक्कर लगा रहे है। मेला अधिकारी उनको धक्का मारकर भगा रहे है।

उन्होंने 41 हजार 300 रुपए की फीस जमा की। जब दूसरी जगह लोकेशन मांग रहे है तो फिर से उनसे पैसा मांगा जा रहा है। जब वो रिफंड के लिए मेला अधिकारियों के पास गए तो उनको धक्के मारकर वहां से निकाल दिया गया।

बनारस से मेले में आए जामिल अहमद ने बताया कि वो मेले में बनारसी साड़ियों की दुकान लगा रहे है। 6 फरवरी को फरीदाबाद मेले में पहुंचे थे, लेकिन उनको 9 फरवरी को दुकान मिली है। दुकान की लोकेशन ऐसी जगह मिली जहां पर कोई पर्यटक पहुंच ही नही रहा है। बार- बार वो अपनी फीस वापस मांगने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है, लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है।

मेला अधिकारी ना ही उनकी दुकान की लोकेशन बदल रहे है। जामिल अहमद ने बताया कि वो किसी और से पैसे उधार लेकर दुकान लगाने के लिए मेला में आए है। लेकिन यहां उनका खर्चा भी नही निकल पा रहा है। दूसरे दुकानदार जसवंत सिंह ने भी बताया कि उनकी दुकान की लोकेशन ठीक नहीं है। मेला अधिकारी पहले ही पैसे लेकर अच्छी लोकेशन दूसरे दुकानदारों को बेच देते है।

सूरजकुंड मेले में कर्नाटक से आए नागेन्द्र ने बताया कि करीब 12 लाख रुपए की कलाकृतियां लेकर वो मेले में लेकर आए। लेकिन दुकान की लोकेशन गलत है। खरीददार पहुंच नही पा रहे हैं। मेला अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक गए है इसलिए उन्होंने अपना माल वापस भेजना शुरू कर दिया है।


टूरिज्म विभाग अधिकारी हरविंदर सिंह ने बताया कि दुकान अलाट होने के बाद फीस वापसी का कोई नियम नहीं है। हर कोई प्राइम लोकेशन पर दुकान चाहता है। जो उनके लिए हर किसी को देना संभव नही है। सभी को सही तरीके से दुकान दी गई है। दुकान देते समय किसी भी प्रकार को कोई अलग से पैसा किसी भी दुकानदार से नहीं लिया गया है।

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