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प्रॉपर्टी टैक्स बकाएदार भी लड़ सकता है निकाय चुनाव

Posted by : pramod goyal on : Thursday, 13 February 2025 0 comments
pramod goyal
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 हरियाणा प्रदेश के कुल 33 नगर निकायों के आम चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो अगले सोमवार 17 फरवरी तक चलेगी। इस प्रक्रिया के बीच यह खुलासा हुआ है कि प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टर भी इस चुनाव को लड़ सकता है।


हरियाणा म्युनिसिपल एक्ट 1973 की धारा 13-A में प्रॉपर्टी टैक्स बकाया होना अयोग्यता नहीं बताया गया है, जबकि हरियाणा नगर निगम लॉ, 1994 की धारा 8 में निगम के प्रति किसी भी प्रकार की धनराशि देय होना अयोग्यता बताया गया है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा म्युनिसिपल कानून प्रदेश की सभी नगर पालिका परिषदों और नगर पालिका समितियों पर लागू होता है। इस कानून की धारा 13-A में नगर निकायों के अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों का चुनाव लड़ने के बारे में उल्लेख किया गया है।

कानून में जिन बिंदुओं का उल्लेख किया गया है उनमें 21 वर्ष से कम आयु वाला व्यक्ति निकाय चुनाव नहीं लड़ सकता है। इसके अतिरिक्त अगर किसी व्यक्ति को अदालत द्वारा किसी क्रिमिनल (फौजदारी) केस में 10 साल की जेल की सजा हो चुकी हो या उसके विरूद्ध ऐसे किसी आपराधिक मामले में चार्जेज फ्रेम (आरोप तय) किए गए हैं, जिसमें उसे दोषी साबित होने पर कम से कम 10 वर्ष का कारावास हो सकता है, वह भी निकाय अध्यक्ष या वार्ड सदस्य का चुनाव नहीं लड़ सकता है।

इसके अतिरिक्त नगर निकाय अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों का निर्वाचन लड़ने वालों के लिए न्यूनतम मैट्रिक (10वीं ) पास होना आवश्यक है। अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के पुरुष और हर वर्ग की महिला के लिए हालांकि कम से कम आठवीं पास होना आवश्यक है।

वहीं वार्डों से चुनाव लड़ने वाली अनुसूचित जाति वर्ग की महिला उम्मीदवार के लिए पांचवी पास होना ही पर्याप्त है। पिछड़ी जाति (BC) के पुरुष, महिला के उम्मीदवार के लिए कोई रियायत नहीं है। उन पर सामान्य वर्ग के प्रत्याशी के तौर पर ही योग्यता का पैमाना लागू होगा।

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