HEADLINES


More

सागर पुर गांव में सोशल वर्क के दस दिवसीय ग्रामीण शिक्षा शिविर का शुभारंभ

Posted by : pramod goyal on : Tuesday, 11 February 2025 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

 फरीदाबाद, 11 फरवरी। जे.सी.बोस विश्वविद्यालय में मीडिया विभाग के सोशल वर्क के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए दस दिवसीय ग्रामीण शिक्षा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्देश्य विद्यार्थियों को ग्रामीण परिवेश की वास्तविकताओं से अवगत कराना। स्थानीय समुदायों से संवाद स्थापित कराना और सामाजिक विकास में उनकी भागीदारी को प्रेरित करना है। इस शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके उपरांत छात्रा भूमि ने सरस्वती वंदना पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में शामिल अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।

बल्लबगढ़ के सागरपुर गांव के राजकीय वरिष्ठ

माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में संचार एवं मिडिया तकनीकी विभाग के सोशल वर्क में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए दस दिवसीय ग्रामीण शिक्षा शिविर का आयोजन किया। इस अवसर पर शिक्षाविद डॉ. जगदीश चौधरी मुख्य अतिथि, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश अग्रवाल विशिष्ठ अतिथि और डॉ. पवन सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। शिविर के सफल आयोजन पर कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने अपने संदेश में कहा कि विद्यार्थी समाज की वास्तविकता को समझें और तमाम समस्याओं के समाधान की दिशा में कार्य करें। उन्होंने इस तरह के ग्रामीण शिक्षा शिविर को छात्रों के व्यावहारिक प्रशिक्षण का अहम हिस्सा बताया।

उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षाविद डॉ. जगदीश चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि  संस्कार युक्त स्वस्थ नागरिक राष्ट्र की धरोहर और ग्रामीण गांव की संपदा होते हैं। बिना संस्कार शिक्षा अधूरी है। भारतीय परम्पराएं विज्ञान आधारित हैं। किताबी ज्ञान के साथ साथ व्यावहारिक ज्ञान जरूरी जिसके लिए श्रम करना होगा, श्रम से सम्मान प्राप्त होता है। खेत के रेत की महक से ही गांव समझ आएगा। लेखन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। एक घंटा देह, एक घंटा देश-समाज के लिए प्रतिदिन दें।
संचार एवं मीडिया तकनीकी विभागाध्यक्ष डॉ. पवन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों को ग्रामीण परिवेश की वास्तविकताओं से अवगत कराना इस शिविर का उद्देश्य है। उन्होंने उपस्थित जनों का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि शिक्षा के साथ संस्कार की सीख आवश्यक है। गांव को समझने के लिए गांव की जीवनशैली से परिचित होना जरूरी है। गांव को समझने के लिए ग्रामीणों को समझना होगा।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश अग्रवाल ने अपने उद्बोधन ने कहा कि गांव में तनाव मुक्त रहने की सीख मिलती है। हम सभी खेल, व्यायाम, योग अवश्य करें। मोबाइल का अधिक प्रयोग न करें। टीवी, कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल न करें। फ़ास्ट फ़ूड से परहेज करें। सरपंच तेजपाल बघेल और स्कूल प्रिंसिपल राजेंद्र ने सागर पुर गांव एवं स्कूल की तरफ से सभी का स्वागत कर हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन देते हुए धन्यवाद व्यक्त किया। अंत में शिविर संयोजक डॉ. के.एम. ताबिश ने भाजपा नेता एवं समाजसेवी बिजेंद्र नेहरा, प्रिंसिपल अनिल कुमार, राजेंद्र, पूर्व सरपंच निरंजन एवं उपस्थित समस्त ग्रामीणों के सहयोग के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।

No comments :

Leave a Reply