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हरियाणा के 100 एक्सटेंशन लेक्चरर को 'अयोग्य' मानते हुए नौकरी से निकाला

Posted by : pramod goyal on : Thursday, 20 February 2025 0 comments
pramod goyal
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 हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग (DHE) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्यभर में कई एक्सटेंशन लेक्चरर को 'अयोग्य' मानते हुए उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। विभिन्न सरकारी कॉलेजों में कार्यरत इन एक्सटेंशन लेक्चरर को 57 हजार 700 रुपए मासिक पारिश्रमिक दिया जा रहा था।

इन सभी एक्सटेंशन लेक्चरर के पास राजस्थान के ओपीजेएस यूनिवर्सिटी (चूरू), सनराइज यूनिवर्सिटी (अलवर) और सिंघानिया यूनिवर्सिटी (झुंझुनू) से पीएचडी की डिग्री है, जिन्हें हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अगले 5 सालों के लिए पीएचडी छात्रों के नामांकन से प्रतिबंधित कर दिया था।

इस पूरे मामले में हरियाण उच्च शिक्षा विभाग के महानिदेशक राहुल हुड्डा चुप्पी साधे हुए हैं। विभागीय सूत्रों का दावा है कि इस कार्रवाई से 100 से अधिक एक्सटेंशन लेक्चरर प्रभावित हुए हैं। जिसे लेकर विरोध शुरू हो गया है। कुछ एक्सटेंशन लेक्चरर पंचकूला विभागीय मुख्यालय में अपना विरोध प्रकट भी कर चुके हैं।

पिछले महीने, उच्च शिक्षा विभाग ने राजस्थान विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने वाले 292 एक्सटेंशन लेक्चरर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उनसे पूछा गया था कि उनकी सेवाएं क्यों न समाप्त कर दी जाएं। यह हाल ही में राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों से इन लेक्चरर द्वारा प्राप्त पीएचडी डिग्री से संबंधित एक मामले में अंतरिम हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुआ।

सूत्रों ने बताया है कि हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेज के प्राचार्यों को भेजे गए पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि एक्सटेंशन लेक्चरर पीएचडी डिग्री के आधार पर नियमित सहायक, एसोसिएट प्रोफेसर के वेतनमान का न्यूनतम लाभ उठा रहे हैं। उनका दावा है कि पीएचडी करके उन्होंने यूजीसी के नियमों के अनुसार न्यूनतम पात्रता प्राप्त कर ली है।


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