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फरीदाबाद 16 दिसंबर ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के लिए ऑटो स्टैंड बनाने, इन स्टैंड पर विश्रामगृह और शौचालय की सुविधा उपलब्ध करवाने सहित ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के चालान काटने एवं पुलिस द्वारा नाजायज रूप से तंग करने के विरोध में फरीदाबाद ऑटोरिक्शा ड्राइवर यूनियन संबंधित (सीटू) कल 17 दिसंबर को उपायुक्त कार्यालय के सम्मुख विशाल प्रदर्शन करेगी। इस प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए सभी तैयारीयां पूरी कर ली है। इस सिलसिले में आज बदरपुर बाडर के स्टैं
ड मेवला महाराजपुर, बड़खल, ओल्ड फरीदाबाद,बाटा मैट्रो स्टेशन, में मीटिंग को संबोधित किया गया ।अब तक सभी स्टैंडों पर हैंडबिल बांटे गए हैं। यह जानकारी सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने दी । उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व यूनियन के प्रधान भोपाल सिंह महासचिव घनश्याम, संगठन मंत्री मुकेश भड़ाना, कोषाध्यक्ष जसवंत सिंह, उप प्रधान हंसराज भाटी, राजेंद्र सिंह ठाकुर, सह सचिव गणेश भाटी संयुक्त रूप से करेंगे। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद में हजारों ऑटो रिक्शा चालक हैं। जो जनता की सेवा करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। सड़क पर चलते हुए इन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन ए ड्राइवरों को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता और न हीं इनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है। प्रत्येक दिन पुलिस व प्रशासन के नाजायज चालान और जोर जबरदस्ती का सामना इनको करना पड़ता है शहर में ऑटो स्टैंड कम हैं। जितने हैं भी उन स्टैंडों पर भी ड्राइवरों के लिए सुविधा भी नहीं है। हर दिन पुलिस और प्रशासन इनके नजर चालान करती रहती है। एनसीआर में ऑटो ले जाने की इजाजत भी नहीं है। प्राइवेट फाइनेंसरों से फाइनेंस कराकर ऑटो खरीदा जाता है। समय पर किस्त नहीं भरने पर फाइनेंसर भी इनको परेशान करते रहते हैं। केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता 2024 नाम का एक कानून पास किया है। जिसमें 10 साल की सजा और सात लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करने के बाद से सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन फीस में भारी वृद्धि कर दी गई है। इसके अलावा चालानों की राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है। यूनियन की मांग है। कि ऑटो रिक्शा ड्राइवरों के कॉमर्शियल लाइसेंस हेतु अलग से विंडो बनाई जाए, फरीदाबाद के ऑटो रिक्शा ड्राइवरों को पूरे एनसीआर में ऑटो ले जाने के लिए आरटीओ द्वारा परमिट दिया जाए। ऑटो रिक्शा खरीदने के लिए सार्वजनिक बैंकों से लोन की सुविधा दी जाए ।ऑटो रिक्शा ड्राइवर के लिए सामाजिक सुरक्षा बोर्ड बनाए जाए। दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में ड्राइवर के आश्रितों को 20 लाख वह हैंडिकैप्ड होने में 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा 60 वर्ष की उम्र के बाद 10 हजार मासिक पेंशन दी जानी चाहिए। ऑटो रिक्शा ड्राइवर के लिए ईएसआई और पीएफ की सुविधा मिलनी चाहिए। यूनियन ने केंद्र सरकार से भारतीय न्याय संहिता में ड्राइवरों के लिए 10 साल की सजा व 5 लाख के जुर्माने के प्रावधान को रद्द करने की मांग की है। यह प्रदर्शन बदरपुर बॉर्डर से शुरू होगा।और जीटी रोड की सर्विस रोड से होते हुए लघु सचिवालय पर पहुंचेगा। इस प्रदर्शन में बदरपुर बॉर्डर, पल्ला तिलपत बॉर्डर, मेवला महाराजपुर बॉर्डर, बड़खल बॉर्डर से बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे। आज की मीटिंग को निरंतर पाराशर, विजय झा, के पी सिंह, भोपाल सिंह घनश्याम, मुकेश भड़ाना, जगबीर सिंह, दिनेश कुमार, आदि ने भी संबोधित किया।
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