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तंबाकू मुक्त विद्यालय - जेआरसी सराय ख्वाजा ने तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया

Posted by : pramod goyal on : Friday, 29 November 2024 0 comments
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 शिक्षा विभाग के आदेशानुसार राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा के मार्गनिर्देशन में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड के सहयोग से तंबाकू मुक्त विद्यालय अभियान चलाया गया। जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने देश के युवाओं में बढ़ती हुई तंबाकू की लत पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित एक


राष्ट्रीय व्यापक सर्वेक्षण के अनुसार देश में छह करोड़ से अधिक लोग तंबाकू पदार्थों का प्रयोग करते हैं जिनमें से अधिकतर लोग टीन एजर्स हैं। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि देश भर में पांच सौ से अधिक ऐसे स्वयंसेवी संगठन हैं जो तंबाकू और संबंधित पदार्थों की खपत में कमी लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए इन्हें राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस समस्या की चिंता सामाजिक संकट के रूप में करनी होगी। हम जानते हैं कि एक बच्चा जब इस बुराई में फंसता है तो हम सभी उस बच्चे को दोषी मानते हैं। जबकि सच यह है कि तंबाकू बुरा है। बच्चा बुरा नहीं है, तंबाकू की लत बुरी है। हम आदत को बुरा मानें, तंबाकू को बुरा मानें और उससे दूर रखने के रास्ते खोजें। अगर हम बच्चे को दुत्कार देंगे तो वो और अधिक तंबाकू का प्रयोग करने लग जाएगा। ये अपने आप में एक मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और चिकित्सकीय समस्या है। और उसको हमें मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और चिकित्सकीय समस्या के रूप में ही देखना पड़ेगा। तंबाकू, तंबाकू प्रदार्थों का नशा एवं अन्य नशीले पदार्थ व्यक्ति को गलत दिशा और विनाश के मोड़ पर लाकर खड़ा कर देते हैं और उसके बाद उस व्यक्ति के जीवन में अंधकार के अतिरिक्त और कुछ नहीं बचता। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि युवाओं को तंबाकू के विरुद्ध जागरुक करने में मीडिया की महती भूमिका है तथा मीडिया अपना रोल प्रभावशाली रूप से निभा रहा है। आज मीडिया को युवाओं का सही मार्ग दर्शक बनकर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने की आवश्यकता है।  कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि जब जीवन में निराशा आ जाती है विफलता आ जाती है जीवन में जब कोई रास्ता नहीं सूझता, तब व्यक्ति नशे की लत में पड़ जाता है। जिसके जीवन में कोई ध्येय नहीं है, लक्ष्य नहीं है,  वहां पर ड्रग्स का प्रवेश करना सरल हो जाता है। तंबाकू से यदि बचना है और अपने बच्चे को बचाना है, तो उनको ध्येयवादी बनाइये, कुछ करने के लक्ष्य वाला बनाइये, सपने देखने वाला बनाइये। आप देखिये, फिर उनका अन्य विषयों की ओर मन नहीं लगेगा। इसलिए स्वामी विवेकानंद के शब्द कि – एक विचार को ले लो, उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो। उस विचार को जीवन में उतार लो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के प्रत्येक हिस्से को उस विचार से भर दो और अन्य सभी विचार छोड़ दो। प्राचार्य मनचन्दा ने तंबाकू मुक्त अभियान के आयोजन के लिए प्राध्यापिका गीता सुशीला बेनीवाल सहित सभी अध्यापकों और पोस्टर बनाने वाली सभी छात्राओं का आभार व्यक्त किया।

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