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पत्रकारों को जान जोखिम में डालकर भी करना पड़ता है कार्य - डॉ.मोहन तिवारी

Posted by : pramod goyal on : Sunday, 17 November 2024 0 comments
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 फरीदाबाद। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर पत्रकारों को बीते दिन शुभकामना देने का दौर जारी रहा। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर प्रदेश में संगोष्ठी की भी आयोजन भी किया गया। शहर सेक्टर 12 फरीदाबाद के रहने वाले जाने माने समाजसेवी लेखक,राजनीतिक विश्लेषक,राजनीतिक रणनीतिकार, वरिष्ठ पत्रकार, डॉ.मोहन तिवारी ने कहा की पत्रकारिता कितना कठिन कार्य है, क्या कभी कोई सोचता है?पत्रकारों को अपना जान जोखिम में डालकर कार्य करना पढ़ता है। हर जगह लोग पत्रकारों की बुराई करते नजर आ जाते है पर जब किसी सच्चे व अच्छे पत्रकार पर कभी कोई मुसीबत आ जाती है तो समाज का कोई भी व्यक्ति या सरकार में बैठे नेता अधिकारी काम नही आते है। सिर्फ राष्ट्रीय प्रेस दिवस का औपचारिक रूप से संगोष्ठी का आयोजन कर दिया जाता है और सोशल साइट्स पर शुभकामना प्रेषित कर दिया जाता है। लेखक,राजनीतिक विश्लेषक,राजनीतिक रणनीतिकार,वरिष्ठ पत्रकार, डॉ.मोहन तिवारी ने कहा की पत्रकारिता सच्ची व तथ्यों पर आधारित व लोगों की भलाई के लिए होनी चाहिए। 

     समाजसेवी, लेखक,राजनीतिक विश्लेषक,राजनीतिक रणनीतिकार, वरिष्ठ पत्रकार, डॉ.मोहन तिवारी ने कहा की पत्रकारिता की शुरूवात सबसे पहले महर्षि नारद मुनि ने पत्रकारिता का आरम्भ किया था। उन्होंने दुराचारियों का विनाश करने के लिए खबरों को राक्षसों से देवताओं तक पंहुचाने का कार्य शुरू किया। जिससे की देवताओं ने बड़ी बड़ी मन्सा रखने वाले व देवताओं पर राज करने वाले राक्षसों का अंत किया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल घोषित किया था उस दौरान मीडिया ने निष्पक्षता और निर्भिकता से पत्रकारिता करते हुए लोगों तक सारी बाते पंहुचाने का कार्य किया, लेकिन वर्तमान में किसी भी सरकारों के खिलाफ सच्ची खबर लिख देने के बाद पत्रकारों के खिलाफ झूठी मुकदमा लिखवाने की साजिश शुरू हो जाती है और उसके खिलाफ मुकदमा भी लिखवा दिया जाता है। वर्तमान के दौर में किसी भी सरकार के खिलाफ खबर लिखने पर जान जोखिम में डालने के बराबर हो गया है। लेखक,राजनीतिक विश्लेषक,राजनीतिक रणनीतिकार, वरिष्ठ पत्रकार, डॉ.मोहन तिवारी ने कहा की पत्रकारिता एक कठिन कार्य हो गया है।
    
आज का दौर ऐसा है की कई बार पत्रकारों को जान जोखिम में डालकर भी पत्रकारिता करनी पड़ती है। हालांकि वर्तमान समय में पत्रकारिता में काफी बदलाव आये है। आज सोशल मीडिया ब्लाॅग, डिजिटल व ब्राॅडकास्ट के उदय ने भौगोलिक बाधाओं को तोड़ते हुए समाचार के दायरे में विस्तार किया है। लेखक,राजनीतिक विश्लेषक,राजनीतिक रणनीतिकार,वरिष्ठ पत्रकार, डॉ.मोहन तिवारी ने कहा की प्रेस को विश्वनियता और स्टीकता व तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता कर लोगों की भलाई के लिए  विशेष रूप से कार्य करना चाहिए। प्त्रकारिता व्यवसाय का साधन नही होना चाहिए। आजादी के समय से पत्रकारिता एक व्यवसाय न होकर लोगों में राष्ट्र की भावना को जागरूक करना पत्रकारिता का लक्ष्य था, जिससे देशभक्तों ने अंग्रेजों को भारत से खदेड कर स्वतंत्रता प्राप्त की थी। परंतु वर्तमान की पत्रकारिता में काफी गिरावट आ गया है जो की चिंता का विषय है।

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