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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सांगठनिक कमेटी फरीदाबाद और मेवात का त्रिवार्षिक सम्मेलन संपन्न हुआ

Posted by : pramod goyal on : Monday 28 October 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 28 अक्टूबर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सांगठनिक कमेटी फरीदाबाद और मेवात का त्रिवार्षिक सम्मेलन बसेलुआ कॉलोनी स्थित पार्टी कार्यालय में संपन्न हुआ। सम्मेलन की शुरुआत पार्टी  के वरिष्ठ  कामरेड वीरेंद्र पाल ने झंडा फहरा की। इसके बाद  साथियों ने शहीदों की कुर्बानियों को याद करते हुए शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित किए। तत्पश्चात्  कामरेड  विजय झा, सुधा और निरंतर पराशर की  अध्यक्षता में सम्मेलन की कार्यवाही शुरू हूई। सम्मेलन का उद्घाट


न सीपीएम के राज्य सचिव सुरेंद्र मलिक ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ही ऐसी पार्टी है। जो देश में शोषण पर आधारित पूंजीवादी व्यवस्था को बदलकर जनता के जनतंत्र को कायम करना चाहती है। जिससे लोगों का शोषण बंद हो  सके। देश का पूंजीपति मजदूरों  के श्रम का अधिक दोहन करके अपनी दौलत को बढ़ाते जा रहा है।दूसरी तरफ देश की पूंजीपति राजनीतिक  पार्टियां मेहनतकशों को भाषा, लिंग, क्षेत्रवाद, जाति और धर्म के आधार पर बांटने का काम कर रही है। ऐसे  में हमारी जिम्मेदारी बनती है। कि अलग-अलग जन संगठनों में काम करते हुए मजदूर वर्ग की एकता को संगठित करके अपनी ताकत को बढ़ाने के काम  में जुट जायें। कुदरत ने सभी को एक समान बनाया है। हमारा धर्म  हमारी जाति अलग हो सकती है। लेकिन कारखाने में काम करते हुए हम सभी का शोषण समान रूप से होता है। फैक्ट्री मालिक किसी धर्म विशेष के लोगों को अलग से बढ़ा हुआ वेतन नहीं देता है। इस शोषण के खिलाफ संगठित होकर संघर्ष करना होगा। हमको मेहनत कश जनता के बीच में उसकी चेतना को जागृत करना होगा। देश  प्रदेश में रेलवे,बिजली, सड़कों, नहरों, पीने के लिए स्वच्छ पानी के जलघरों, सहित सभी सार्वजनिक क्षेत्रों का निर्माण मजदूरों  ने किया है। खेत में किसान काम करता है। मेहनत करके खाद्यान्न का उत्पादन करता है। इनके परिश्रम के बल पर आज देश में अन्न के भंडार भरे हुए हैं। देश की आजादी के लिए सभी धर्मो के लोगों ने मिलकर कुर्बानी दी है। हमारा देश दुनिया  में पहला ऐसा राष्ट्र है। जिसने सभी को मताधिकार का अधिकार दिया है। आज की भाजपा सरकार हमारी एकता को तोड़ने में लगी हुई है। हमें उसकी विभाजनकारी राजनीति को समझना होगा। उसकी नीतियों के खिलाफ संगठित होकर संघर्ष करना होगा। सम्मेलन के दुसरे सत्र में जिला सचिव शिव प्रसाद ने विगत तीन वर्षों की रिपोर्ट को डेलीगेट के सामने रखा। इस रिपोर्ट पर 12 डेलीगेट ने बहस में हिस्सा लिया। फिर सर्व सम्मति से रिपोर्ट पारित कर दी। इसके बाद सात सदस्यीय नई जिला सांगठनिक कमेटी का चुनाव हुआ। जिसमें वीरेंद्र  सिंह डंगवाल को जिला  सचिव चुना गया। जिला  कमेटी सदस्य  के रूप में शिव प्रसाद, निरंतर पराशर, सुधा, सुभाष लांबा,  रवि और मेवात से अनिल को चुना गया। सम्मेलन का समापन कामरेड जयभगवान ने किया। उन्होंने सभी साथियों से एकजुट होकर संघर्ष करने का आवाहन किया।

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