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प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जिलाधीश ने फरीदाबाद जिला में पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर लगाई रोक

Posted by : pramod goyal on : Wednesday, 9 October 2024 0 comments
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 फरीदाबाद, 9 अक्टूबर

जिलाधीश विक्रम सिंह ने सीएक्यूएम द्वारा जिला फरीदाबाद में सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए व पटाखें जलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए फरीदाबाद जिला में पटाखों के भंडारण, बिक्री व इस्तेमाल (ग्रीन पटाखों को छोड़कर) पर रोक लगाने के आदेश जारी किए है। जारी आदेशों में फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि ई- कॉमर्स कंपनियां पटाखों के किसी भी

ऑनलाइन ऑर्डर को स्वीकार नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।


 जिलाधीश विक्रम सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 के आधार पर प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जिला में पटाखों के उत्पादन, भण्डारण तथा बिक्री को लेकर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1884  के तहत जारी किए हैं। जिलाधीश द्वारा जारी आदेश में नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी एसडीएम, थाना प्रभारी, नगर परिषद के अधिकारीगण, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा तहसीलदार अपने-अपने कार्यक्षेत्र में एक-दूसरे से तालमेल करके इन आदेशों को सख्ती से लागू करवाएंगे। आदेशों को लागू करने वाले सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिदिन की पालना रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय में नियमित रूप से भेजेंगे।

जारी आदेशों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों को भी हिदायत दी गई है कि वे नियमित रूप से वायु की गुणवत्ता पर निगरानी रखेंगे।

सर्वोच्च न्यायालय की हिदायतों के अनुसार जिला में कम प्रदूषण फैलाने वाले ग्रीन पटाखे ही लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के माध्यम से बेचे जा सकते हैं। अन्य पटाखों तथा लडिय़ों के उत्पादन, बिक्री तथा प्रयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि इससे बहुत ज्यादा वायु तथा ध्वनि प्रदूषण होता है और ठोस कचरा संबंधी समस्याएं भी होती हैं। ये पटाखें भी केवल दीपावली पर्व के दिन रात 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक व क्रिसमस व नववर्ष के अवसर पर भी निर्धारित समयावधि रात 11:55 से सुबह 12:30 बजे तक ही चलाने की अनुमति होगी।

जिलाधीश विक्रम सिंह के इन आदेशों का उल्लंघन करते पाए जाने पर दण्ड प्रक्रिया अधिनियम तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1884 की विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्यवाही करके दण्डित किया जाएगा। यह आदेश जिला में 22 अक्टूबर, 2024 से लागू होकर 31 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेंगे।

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