कैथल में मंगलवार को पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे। भागल और हरिगढ़ किंगन गांवों में जनसभा के बाद उनका बलबेहड़ा गांव में जनसभा का कार्यक्रम था, लेकिन जब ग्रामीणों को यह सूचना मिली तो वे हाथों में काले झंडे
ले विरोध में उतर आए। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए आयोजकों ने जनसभा का स्थान मंदिर परिसर से बदलकर एक समर्थक के निवास स्थान पर कर दिया, लेकिन इसके बाद भी युवाओं का विरोध नहीं थमा।
वही, नाराज ग्रामीणों का कहना था कि दुष्यंत चौटाला पांच सालों तक बीजेपी के साथ सरकार में रहे और इस दौरान उन्होंने किसानों को नजरअंदाज किया। इसके साथ ही ग्रामीणों ने ये भी आरोप लगाया कि सरकार में रहते हुए दुष्यंत चौटाला ने बलबेहड़ा की कोई सुध नहीं ली, जबकि बलबेहड़ा ताऊ देवी लाल और ओम प्रकाश चौटाला परिवार का समर्थक करने वाला गांव रहा है।
दरअसल, इस गांव से हर बार देवीलाल परिवार के सदस्य को जीत मिलती आ रही है। ग्रामीणों का यह भी कहना था कि वह ना तो दुष्यंत चौटाला और ना ही उनके उम्मीदवार को गांव में चुनाव प्रचार के लिए आने देंगे। ग्रामीणों के विरोध की सूचना मिलते ही दुष्यंत चौटाला ने बलबेहड़ा की जनसभा को रद्द कर दिया और उन्हें अगले गांव रिवाड़ जागीर में जनसभा करने के लिए वाया चीका, पीडल से होते हुए रिवाड़ जागीर तक पहुंचे।
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