फरीदाबाद। फरीदाबाद की सड़को पर आवारा जानवरों का कब्ज़ा राहगीरों के लिए मौत का पर्याय बनता जा रहा है और स्थानीय प्रसाशन से लेकर सत्ताधारी नेता चुप्पी साधे हुए है। जिससे लोगों में सरकार और जनप्रतिनिधियों के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बाईपास रोड हो या फिर बल्लभगढ़ और सेक्टरों की अंदरूनी सड़के सभी जगह सड़को पर गाय, सांड और दूसरे पशु स्वछन्द विचरण करते मिल जायेंगे। जिनके कारण आये दिन बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग हादसों का शिकार होते रहते है। आवारा जानवरों के हमलें में कई लोग तो मौत का शिकार भी हो चुके है और कई अपनी हड्डिया तुड़वा कर बिस्तर पर है। अचानक सड़क पर आवारा जानवर के आ जाने से वाहन भी दुर्घटना का शिकार हो जाते है।
कहने को तो हरियाणा में गौ सेवा आयोग बना हुआ है और इसका अच्छा खासा बजट भी है। लेकिन इस मामलें में गौ सेवा आयोग निकम्मा ही साबित हुआ है। भाजपा सरकार भी जो रक्षा का दम भरती है और कई गौ रक्षक दल भी जगह बने हुए है। लेकिन सड़कों से आवारा गाय, सांड और नंदी को हटाकर गौशाला भिजवाने में किसी की कोई रूचि नहीं है। केवल रात को गौ रक्षा के नाम पर अपनी चौधराहट झाड़ने के लिए जो रक्षक दलों के कार्यकर्त्ता घूमते रहते है। फरीदाबाद में आयरन नामक युवक की मौत का मामला भी किसी से छुपा नहीं है। अब तो यह मुद्दा विधान सभा चुनावों में विरोधी नेताओं ने भी जोर शोर से उठाना शुरू कर दिया है। जिसका जबाव सत्ताधारी नेताओ के पास नहीं है।
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