HEADLINES


More

एस. राधाकृष्णन: व्यक्तित्व और कृतित्व

Posted by : pramod goyal on : Saturday 7 September 2024 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//


 एस. राधाकृष्णन का जीवन और कार्य, दूसरा-विस्तारित संस्करण प्रतिष्ठित डायमंड बुक्स द्वारा हिंदी संस्करण में प्रकाशित किया गया है। यह पुस्तक पहली बार 2006 में जारी की गई थी। यह हिंदी संस्करण भारत के हिंदी भाषा के पाठकों को समर्पित है जो हिंदू धर्म, भारतीय दर्शन और भारतीय संस्कृति के सबसे सम्मानित दार्शनिक एस.    राधाकृष्णन के सबसे बड़े समर्थक रहे हैं। पुस्तक में विश्लेषित और व्याख्या किये गये उनके विचार आज भी भारत के लिए अत्यधिक प्रासंगिक हैं। डायमंड बुक्स द्वारा प्रकाशित पुस्तक एस.  राधाकृष्णनः व्यक्तित्व और कृतित्व जिसके लेखिका है ममता आनंद है।

डॉ. ममता आनंद अंग्रेजी मेंग्रेड-1की सहायक प्रोफेसर हैं और लिबरल आर्ट्स विभाग की प्रमुख हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग, जबलपुर। फुलब्राइट फेलो (2008-2009) के रूप में उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय और कोलगेट विश्वविद्यालय, यूएसए में राल्फ वाल्डो इमर्सन और एस. राधाकृष्णन पर डॉक्टरेट अनुसंधान किया। एस. राधाकृष्णन और राल्फ वाल्डो इमर्सन पर अपने शोध के लिए उन्हें 2006 में इमर्सन सोसाइटी, वाशिंगटन डीसी यूएसए से अंतर्राष्ट्रीय शोध पुरस्कार मिला।
डा. ममता आनंद का कहना है कि एस. राधाकृष्णनः व्यक्तित्व और कृतित्व नामक पुस्तक के दूसरे संस्करण पर काम करना वास्तव में बहुत खुशी की बात है। राधाकृष्णन की पुस्तकों में ज्ञान की खोज जीवन में आनंद और आशीर्वाद को बढ़ाने वाली एक यात्रा है ।
इस पुस्तक के दूसरे संस्करण के निर्माण में युवा अमेरिकी छात्रों और सम्मानित विद्वानों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया और जिज्ञासाओं का भी योगदान रहा है । यह किताब दुनिया भर के लोगों तक ऐसे समय पर पहुंच रही है जब भारत में महिलाएं अस्तित्व की गंभीर चुनौती का सामना कर रही हैं । भारत में पुरुष-महिला लिंगानुपात बेहद कम है । इसके अलावा, भारत में महिला अपने ऊपर बढ़ते शारीरिक हमलों के कारण खुद को चुनौतीपूर्ण और अपमानित महसूस करती हैं । महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के अपराधों में भारी वृद्धि हुई है । उनके डगमगाते आत्मविश्वास का नतीजा घर पर रहना पसंद करने वाली कई महिलाओं में देखा जाता है । वे राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं में उनका प्रदर्शन पहले की तुलना में कम है ।
भारतीय समाज में महिलाओं की खराब स्थिति को लेकर संवेदनशीलता है । कानून उन्हें संरक्षण में ले रहे हैं, लेकिन बदलाव अभी भी देखा जाना बाकी है । महिलाओं के लिए यह जानकर कितनी भी निराशा हो कि उनका जीवन खतरे में है, फिर भी उन्हें यह महसूस करना होगा कि दिव्य नाटक में उन्हें महान ज्ञान का एक अंश दिया गया है । भारत और दुनिया भर की महिलाएं कई सदियों से खुद की और अपनी क्षमताओं की गंभीर उपेक्षा के लिए हमले का शिकार हो रही हैं । वे अपने और अपनी बेटियों में पर्याप्त रुचि न लेने के लिए एक बड़ा दंड भुगत रहे हैं । हर समय पुरुषों पर निर्भर रहने की उनकी रणनीति एक दोषपूर्ण विचार रही है । इसके परिणामस्वरूप उनका और पुरुषों का भी विकास विफल हो गया है । आज वे जिस परिस्थिति का सामना कर रहे हैं, वह उनकी हीन भावना का दुर्भाग्य है ।
महिलाएं ही एकमात्र ऐसी शक्ति हैं जो हमें इस दलदल से बाहर निकाल सकती हैं । उनके पास मार्गदर्शन के लिए शूरवीर महिलाओं और पुरुषों की कहानियाँ हैं ।   राधाकृष्णन की रचनाओं में हमेशा महिलाओं से इस संबंध में अपील की जाती है । वह कहते हैं, “वह ईश्वर की कृपा का पालना है”, “शरीर और आत्मा में पुरुष और महिला के जीवन के समर्थन का आधार ।” भगवद्गीता भी शक्ति, अर्थात् ऊर्जा, जो महिलाओं के पास है और उनके गुणों में देखी जाती है, की ध्वनिमय है । 
राधाकृष्णन अपने कार्यों में उपदेश देते हैं कि दुनिया का घर बनाने वाली महिलाओं के प्यार और अपनेपन के बिना, पुरुषों के लिए जीवन से उम्मीद करना बहुत कम होगा । आशा है कि पुस्तक में शामिल मुद्दे पर उनके समसामयिक महत्व पर जोर देते हुए उनके विचार हमें हिंसा की अश्लीलता, अस्तित्व की विकृत भावना और लिंगों के बीच प्रतिस्पर्धा की परेशानी की धुंधली स्थितियों से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएंगे । बड़े पैमाने पर लोग और राष्ट्र । यह समझना होगा कि पृथ्वी पर जगह पाने के लिए हमें एक-दूसरे को चुनौती देने और प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत नहीं है, बल्कि अपने सच्चे आत्म के आधार पर, हमें अपने लिए जगह बनाने की जरूरत है । इस पुस्तक में जोड़े गए नए अध्याय का विषय है, “विचार और आदर्श एक रचनात्मक क्वांटम ।” और पुस्तक की योग्यता को बढ़ाते हुए डॉ. राधाकृष्णन के प्रति हमारे सम्मान को गहरा करती हैं ।
यह पुस्तक न केवल अंग्रेजी साहित्य के प्रेमियों को बल्कि उन लोगों को भी लाभप्रद रूप से पढ़नी चाहिए जो जीवन के सही अर्थ और उद्देश्य की खोज करना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक उपयोगी सािबत होगी ।

No comments :

Leave a Reply