हरियाणा के फरीदाबाद जिले की सभी 6 सीटों पर प्रत्याशियों की जीत को लेकर तस्वीर धुंधली है। यहां प्रत्याशियों को भितरघात का खतरा है। स्थानीय मुद्दों की चर्चा है और बागियों का रुख ही हवा की दिशा तय करेगा। प्रत्याशी व उनके समर्थक जब गांवों में वोट मांगने जाते हैं तो लोग कटु शब्दों में पूछते हैं कि पांच साल में हमारे लिए क्या किया? नेता व समर्थक लोगों को समझाने का प्रयास करते हैं, लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं।
गुरजीत कौर, नीरज राणा व पकंज का कहना है कि सरकार चाहे किसी भी दल की हो, सभी ने शहर में लगने वाले जाम, अतिक्रमण, बारिश में जलभराव, कूड़ा उठान, बेसहारा गोवंश, मैली यमुना नहर व बंद स्ट्रीट लाइटों पर खूब राजनीति खेली। गांवों में बाढ़ के मुद्दे पर लोग त्रस्त हैं।
फरीदाबाद की सभी 6 में 5 सीटों पहले भाजपा का कब्ज़ा था। लेकिन इस बार भाजपा प्रत्याशियों को अपनी साख बचानी तक मुश्किल पड़ रही है। बड़खल सीट पर भाजपा प्रत्याशी के सामने कांग्रेस के विजय प्रताप भारी पड़ते नजर आ रहे है। एनआईटी में भाजपा मुकाबले से ही बहार नजर आ रही है। यहाँ मुकाबला कांग्रेस और इनेलो के बीच होता जा रहा है। फरीदाबाद विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशिओं के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला है। तिगांव में भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से बागी और निर्दलीय उम्मीदवार ललित नागर के बीच है। वहीं बल्लभगढ़ में भी कमोबेश यही स्तिथि है। यहां मुकाबला भाजपा के दो बार के विधायक और मंत्री रहे मूलचंद शर्मा और निर्दलीय उम्मीदवार शारदा राठौर के बीच सीधा है। शारदा राठौर को सभी वर्गों का समर्थन लगातार मिल रहा है।
No comments :