फरीदाबाद। बड़खल में लगातार दो बार विजय का परचम फहराने वाली भाजपा की हैडट्रिक को क्या कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप रोक पायेंगे ? यह प्रश्न आम चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीती के जानकर लोगो का मानना है कि इस बार विजय प्रताप के सामने एक तो भाजपा का नया चेहरा है और ऊपर से क्षेत्र का बाहरी नेता, जो उनके लिए फायदे का सौदा हो सकता है। भाजपा ने बड़खल विधानसभा से पूर्व धनेश अदलखा को उतरा है। जिनका मुकाबला कांग्रेस के उसी उम्मीदवार विजय प्रताप से है जो राज्य की शिक्षा मंत्री रही दो बार की विधायक सीमा त्रिखा से मात्र 2500 मतों के अंतर से ही पराजित हुए थे। यही कारण है कि इस बार भाजपा ने सीमा त्रिखा के स्थान पर नए चेहरे पर दांव खेला है।
केंद्रीय मंत्री कृषणपाल गुर्जर के सिपहलार धनेश अदलखा निगम घोटाले से लेकर कई मामलो दागी भी रह चुके है। बड़खल में अपनी राजनैतिक जमीन तलाश रहे भाजपा प्रत्याशी को यहां अपनी ही बिरादरी में विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। वैसे भी बड़खल कांग्रेस उम्मीदवार विजय प्रताप की पारिवारिक सीट रही है। वर्ष 2014 की बात छोड़ दें तो कांग्रेस प्रत्याशी विजाप प्रताप के पिता महेंद्र प्रताप ने भाजपा की सीमा त्रिखा को 2009 में बड़े अंतर से पराजित किया था।
विजय प्रताप अपनी परम्परागत बड़खल सीट को इस बार भाजपा से छीन पाएंगे या नहीं यह तो 8 अक्टूबर को ही पता चलेगा। लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस के लिए इससे अच्छा मौका और नहीं मिलेगा।
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