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चुनाव पर्यवेक्षकों ने किया एमसीएमसी सैल के तहत गठित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सैल का अवलोकन

Posted by : pramod goyal on : Sunday 29 September 2024 0 comments
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 फरीदाबाद, 29 सितंबर। हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फरीदाबाद जिला प्रशासन की ओर से चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक गतिविधियों पर पारखी नजर रखी जा रही है। प्रिंटइलेक्ट्रॉनिक के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से सोशल मीडिया जैसे फेसबुकइंस्टाग्रामएक्स हेंडलयूट्यूब व वाट्सएप चैनल आदि की मॉनिटरिंग प्रभावी रूप से की जा रही है। डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि राजनीतिक दल और प्रत्याशियों द्वारा प्रचार प्रसार में किए जा रहे खर्च को उक्त माध्यमों से कवर करते हुए प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ा जा रहा है। 


 

जिला सचिवालय में एमसीएमसी सैल के तत्वावधान में चल रहे सोशल मीडिया सैल का रविवार को 85-पृथला एवं 88-बल्लभगढ़ विस क्षेत्र के चुनाव पर्यवेक्षक डॉ. राघव लंगर, 86-एनआईटी, 89-फरीदाबाद विस क्षेत्र के पर्यवेक्षक बिभूति रंजन चौधरी व खर्च पर्यवेक्षक समता मुल्लामुडि ने एमसीएमसी के नोडल अधिकारी एवं नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल के साथ चल रही मॉनिटरिंग प्रक्रिया का अवलोकन किया। चुनाव पर्यवेक्षकों ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक प्रत्याशी को 40 लाख रूपए खर्च करने की स्वीकृति दी गई है और उक्त खर्च का पूरा रिकॉर्ड रखते हुए खर्च रजिस्टर में इंद्राज करने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में प्रत्याशी द्वारा किए जा रहे खर्च का आकलन करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म सशक्त मंच है जिसके तहत हर राजनीतिक गतिविधि का ब्यौरा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के तहत जनसभाओं व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर प्रत्याशी अथवा पार्टी को पूर्व अनुमति लेनी होती है लेकिन कुछ प्रत्याशी नियमों की अवहेलना करते हुए बिना परमिशन के कार्यक्रम करते हैं जिनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।                                

 

चुनावी खर्च के साथ आचार संहिता की पालना पर भी लिया जा रहा है संज्ञान :

डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार विधानसभा आम चुनाव में सोशल मीडिया की बढ़ती उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए जिला से लेकर प्रदेश स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग के लिए टीमें गठित की हैं। निष्पक्ष चुनाव के साथ चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक गतिविधियों को कवर किया जा रहा है इसलिए टीम न केवल जारी सूचना की जांच कर रही हैं बल्कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने पर कार्रवाई के लिए संबंधित आरओ द्वारा नोटिस भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी तरह की झूठी व भ्रामक पोस्ट करने से बचें।

 

भ्रामक खबरों पर भी रखी जा रही है कड़ी नजर :

डीसी जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग व जिला प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया के जरिए आने वाली भ्रामक खबरों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। इसके दायरे में यूट्यूब चैनल के माध्यम से आने वाली खबरें भी आएंगी। इसके लिए आयोग ने एक्सपर्ट टीम तैयार की है जिसमें आईटी से जुड़े लोगमीडिया क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी शामिल हैं। विभिन्न समाचार चैनल और अखबारों में आने वाली खबरें भी इसके दायरे में है। हर दिन जिला स्तर पर अखबार और टीवी चैनल में प्रकाशित खबरों की समीक्षा भी की जा रही है। अगर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का कोई मामला जिला प्रशासन की नजर में आएगा तो आरओ के माध्यम से शोकॉज नोटिस के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।         


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