फरीदाबाद। हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार हो सकते है कांग्रेस और भाजपा दोनों के चौकाने वाले प्रत्याशी। जी हां, कांग्रेस और भाजपा विधानसभा चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार सकती है, जिसके बारे में चुनाव लड़ने वाले दावेदारों ने भी कभी नहीं सोचा होगा। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के लिए यह चुनाव करो या मरो का चुनाव है। दोनों ही दल किसी भी कीमत पर चुनाव जीतना चाहते है। इस बार कांग्रेस जीतने वाले भाजपा नेताओं पर दाव लगा सकती है तो भाजपा भी अपने पुराने विधायकों को टिकट ना देकर नए चेहरों चुनावी समर में उतार सकती है, इसमें कांग्रेस के बागी उम्मीदवार भी शामिल हो स
कते है।
हरियाणा में इस बार कांग्रेस टिकट के दावेदारों की सूचि लम्बी है। इनका मानना है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बन सकती है। इसलिए सभी को टिकट मिलना संभव नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के कई संभावित उम्मीदवार नेता बागी होकर या तो दूसरे दलों से टिकट ला सकते है या फिर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक कर कांग्रेस की जीत का समीकरण बिगाड़ सकते है। यही हालात, कमोबेश भाजपा के भी है , जिसमे 10 साल से सत्ता का सुख भोग रहे, विधायकों और मंत्रियों को टिकट कटने का भय सता रहा है। ऐसे में वे भी बागी होकर दूसरे दलों में अपना नया आशियाना तलाश सकते है। भाजपा में कुछ ऐसे नेता भी है, जो चुनाव जीतने की ताकत तो रखते है। लेकिन गुटबाजी के चलते उन्हें चुनाव से दूर कर दिया जाता है।
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