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निजी स्कूलों की लूट व मनमानी को रोकने के लिए केंद्रीय कानून बनाने की मांग

Posted by : pramod goyal on : Thursday 8 August 2024 0 comments
pramod goyal
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 सांसद स्वाति मालीवाल ने राज्यसभा में निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि अधिकांश निजी स्कूल मुनाफाखोरी के अड्डे बन गए हैं। स्कूलों ने अपने परिसर में किताब कॉपी वर्दी आदि की दुकानें खोल रखी हैं। बच्चे ATM मशीन बन गए हैं।

हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा

किए जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण के मुद्दे को संसद में उठाने पर स्वाति मालवाल का आभार प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कहा है इस महत्वपूर्ण  मुद्दे पर आज तक किसी भी केंद्र सरकार ने कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है जबकि यह मुद्दा कई बार संसद में उठ चुका है अतः वे इस मुद्दे पर अभिभावकों के हित में उचित कार्रवाई करें। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाया है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के समय 20 जून 2016 को आगरा में कहा था कि "आज जब गरीब व मध्यम वर्ग के लोग बच्चों को प्रवेश दिलाने स्कूल जाते हैं तो उनसे नोट मांगे जाते हैं तो बच्चों का प्रवेश नहीं मिलता है पर अब यह व्यवस्था नहीं चलेगी इसके लिए सरकार उपाय कर रही है" इतना ही नहीं संघ के सर संघचालक मोहन भागवत जी भी शिक्षा के व्यवसायीकरण पर कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं उसके बाबजूद प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि व अन्य प्रकार की लूट व मनमानी के शिकार हो रहे गरीब,पिछड़े व मिडिल क्लास अभिभावकों के हित में आज तक कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रधानमंत्री ने नारा दिया है, "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास"। प्रधानमंत्री को अभिभावकों का साथ देकर उनका भी विश्वास जीतना चाहिए क्योंकि अभिभावक भी एक वोट हैं।
यहां बता दें कि स्वाति मालीवाल के प्रश्न के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि यह राज्यों का मुद्दा है, राज्य सरकारों को मुनाफाखोरी कर रहे निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए केंद्र सरकार इस प्रयास में उनका समर्थन करेगी। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व विधि सलाहकार एडवोकेट बिरदी ने धर्मेंद्र प्रधान के उत्तर को  लीपापोती बताते हुए उनसे मांग की है कि निजी स्कूलों की लूट व मनमानी को रोकने के लिए  केंद्रीय कानून बनाना चाहिए।
जिसमें सभी प्राइवेट कॉलेज व स्कूलों के खातों,उनकी बैलेंस शीट की कैग सीएजी से हर साल वार्षिक ऑडिट व जांच कराने का प्रावधान हो। 

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