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गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर विद्यार्थियों में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमा
र मनचंदा ने कहा कि राष्ट्रीय खेल दिवस प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को हॉकी के महान खिलाड़ी महानायक मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में आयोजित किया जाता है। उन का जन्म वर्ष 1905 में इसी दिवस हुआ था। इस दिवस को वर्ष 2012 में भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में नामित किया गया। यह दिवस महान खिलाडियों को सम्मान स्वरुप याद करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। देश के राष्ट्रपति इस अवसर पर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार जैसे खेल पुरस्कार प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय खेल दिवस का प्राथमिक उद्देश्य खेल के महत्त्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और दैनिक जीवन में शारीरिक रूप से सक्रिय रहना है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा और अध्यापकों ने बताया कि मेजर ध्यानचंद को हॉकी के जादूगर के रूप में जाना जाता है तथा इनका जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। इन्होंने ओलंपिक खेलों में सेंटर फॉरवर्ड खिलाड़ी की भूमिका में वर्ष 1928 में एम्स्टर्डम, 1932 में लॉस एंजिल्स और 1936 में बर्लिन में स्वर्ण पदक जीता। मेजर ध्यानचंद ने 1926 से 1948 तक अपने करियर में चार सौ से अधिक अंतर्राष्ट्रीय गोल किये और अपने पूरे करियर में लगभग एक हजार गोल किये भारत सरकार द्वारा मेजर ध्यानचंद को वर्ष 1956 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आज विद्यालय में खेल दिवस के अवसर पर खेलों के महत्व पर विशेष कार्यक्रम में विद्यार्थियों को खेलों के महत्व के बारे में अवगत कराया गया। उन्हें मेजर ध्यान चंद के भारतीय हॉकी के स्वर्णिम काल के बारे में भी बताया। इस आयोजन में शारीरिक शिक्षा प्राध्यापिका दीपांजलि, प्राध्यापिका गीता और दिनेश सिंह का सराहनीय योगदान रहा। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम के संयोजन के लिए प्राध्यापिका दीपांजलि, दिनेश सिंह और सभी छात्र छात्राओं का विशेष आभार व्यक्त किया तथा मेजर ध्यानचंद के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की सीख दी। उन्होंने खेलों को जीवन का अभिन्न अंग बनाने की अपील करते हुए कहा कि खेलों में नियमित प्रतिभागिता से अनुशासन और समय पर कार्य संपन्न करने की भावना बलवती होती है।
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