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जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद ने डीसी कार्यालय के सम्मुख धरना दिया

Posted by : pramod goyal on : Friday 9 August 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 9 अगस्त - केंद्रीय ट्रेड यूनियनों  और संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर आज 9 अगस्त 2024 को भारत छोड़ो आंदोलन के दिवस के मौके पर जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद ने वित्त मंत्री द्वारा श्रमिकों और किसानों के विरुद्ध प्रस्तुत किए गए बजट के विरोध में डीसी कार्यालय फरीदाबाद के सम्मुख धरना दिया है। जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। इसके माध्यम से


17 सूत्री मांगों का ज्ञापन राष्ट्रपति महोदया भारत सरकार के नाम सीटीएम श्री अंकित कुमार को सौंपा गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी घटकों के सदस्य लघु सचिवालय में एकत्रित हुए। यहां पर एक विरोध सभा का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता एटक के कामरेड  विशम्बर सिंह, इंटक के हुकम चंद बेनीवाल, एच एम एस के  कामरेड राजपाल डांगी, सीटू के कामरेड निरंतर पाराशर, बैंक एसोसिएशन के कामरेड कृपाराम शर्मा, आईसीटीयू के कामरेड जवाहरलाल ने संयुक्त रूप से की। इसका संचालन कन्वीनर वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया।   बजट के  बारे में बोलते हुए उन्होंने सरकार  पर गरीबों के हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। क्योंकि देश की अधिक आबादी आज भी गरीबी में अपना जीवन जी रही है।इस बजट  में  पूंजी पतियों को अधिक रियायतें दी गयी है। शिक्षा स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के लिए बजट में भारी कटौती की गई है। मनरेगा का बजट घटा दिया गया है। राज्यों के साथ भी वित्तीय प्रबंधन में भेदभाव  हुआ है। एनडीए के पार्टनर राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश को दूसरे राज्य की तुलना में अधिक राशि आवंटित की गई है। जबकि केंद्र सरकार को सभी राज्यों को एक नजर से देखना चाहिए। उन्होंने बताया कि किसानों को बीज,खाद, रासायनिक उर्वरकों और बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को घटा दिया गया है। इस बजट में इन पर कटौती की गई है। आज के प्रदर्शन को एटक के कामरेड आर एन सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर महंगाई को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को आवश्यक वस्तुओं पर लगाई गयी जीएसटी को वापस लेना चाहिए। डीजल, पेट्रोल ,मिट्टी के तेल, रसोई गैस, सीएनजी, पीएनजी, पर केंद्रीय उत्पादकता शुल्क में कटौती करनी चाहिए। आज के धरने को एचएमएस के राज्य प्रधान एसडी त्यागी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई कर रही है। हायर और फायर की नीति को तेजी से लागू किया जा रहा है। मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं में लगातार कटौतियां की जा रही है। आज के प्रदर्शन को रिटायर कर्मचारी संघ के प्रधान नवल सिंह ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार किसानों पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं कर रही है। इस धरने को इंटक के हुकम चंद बेनीवाल ने भी संबोधित किया। उन्होंने इस सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज करने की वकालत की। आज के प्रदर्शन को आईसीटीयू के कामरेड जवाहरलाल ने संबोधित किया। उन्होंने मजदूर विरोधी चारों लेबर कोडस वापस लेने की मांग की। इस धरने को सीटू के जिला उपाध्यक्ष कामरेड शिवप्रसाद ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26000 रुपए प्रतिमाह करने, अमीरों पर टैक्स लगाने,कॉर्पोरेट करों में वृद्धि करने की मांग की । प्रदर्शनकारियों को एटक के  महासचिव कामरेड बेचू गिरी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार को काम के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाना चाहिए। बेरोजगारी को समाप्त करके नए रोजगार के अवसर पैदा किए जाएं।इस अवसर पर  भोले सिंह,  पूरनलाल, मिथिलेश कुमार, बैजू सिंह, सुधा, दयाराम, सुदर्शन कुमार आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे


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