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श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर्व - सराय ख्वाजा विद्यालय द्वारा जन्माष्टमी पर्व पर कार्यक्रम आयोजित

Posted by : pramod goyal on : Monday 26 August 2024 0 comments
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 श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर्व पर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड सदस्य छात्र छात्राओं ने श्री कृष्ण और श्री राधा का म


नमोहक  नृत्य प्रस्तुत किया तथा भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं एवम भाव भंगिमाओं का सजीव चित्रण करते हुए मंचन किया। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि विद्यालय के विद्यार्थियों ने भगवान श्रीकृष्ण और श्री राधा के विभिन्न लीलाओं का बाल रूप में चित्रण और मंचन करते हुए सभी का मन मोह लिया। प्राचार्य मनचन्दा ने कहा कि श्री कृष्ण का जन्म अराजकता के समय में हुआ था। यह एक ऐसा समय था जब कंस जैसे राक्षसों और अधर्मियों का उत्पीड़न चरम पर था तथा सामान्य जनों को स्वतंत्रता से वंचित किया गया था बुराई प्रत्येक स्थान पर व्याप्त थी और उन के मामा राजा कंस द्वारा उन के जीवन के लिए खतरा था। श्री कृष्ण जी ने अत्याचारी और अन्याई कंस का वध कर के समस्त क्षेत्र को निर्भय कर दिया। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर घरों में उत्सव का वातावरण रहता है। जन्माष्टमी पर्व पर भक्त श्रीकृष्ण की पालकी सजाते हैं और झांकियां भी निकाली जाती हैं। लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव पर लोग प्रभु से स्वस्थ, सुखी और संपन्न जीवन प्राप्ति की कामना करते हैं। दूसरों को भी इस विशेष दिन की शुभकामनाएं देते हैं। विद्यालय में सभी अध्यापकों, स्टाफ सदस्यों और छात्र एवम छात्राओं ने भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाले पर्व जन्माष्टमी के महत्व से सभी को अवगत करवाया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने सभी जूनियर रेडक्रॉस सदस्यों, प्राध्यापकों, अध्यापकों, छात्रों  छात्राओं सहित समस्त स्टाफ सदस्यों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सब को भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाओं को जीवन में समाहित कर अपना जीवन सफल बनाना चाहिए तथा सदैव सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रयासरत रहते हुए श्रेष्ठ कार्यों का संपादन करते हुए जीवन में अग्रसर रहना चाहिए।

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