जीटी बेल्ट के विधानसभा क्षेत्रों में पंजाबी समुदाय बड़ा फैक्टर हैं। लिहाजा कांग्रेस ने पंजाब समुदाय को साधने की कवायद शुरू कर दी है। पंजाबी सम्मेलनों के जरिये कांग्रेस पंजाबी समुदाय को साधकर खुद को मजबूत करने की रणनीति तैयार कर रही है। वहीं, भाजपा भी पंजाबियों को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
हरियाणा में साढ़े नौ साल गैर जाट के तौर पर मनोहर लाल मुख्यमंत्री रहे। पंजाबी समुदाय से पहली बार मुख्यमंत्री बने मनोहर लाल प्रदेश में पंजाबियों के सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरे। मनोहर लाल के मुख्यमंत्री बनते ही जीटी बेल्ट में भाजपा को न केवल मजबूती मिली, बल्कि लगातार दूसरी बार सत्ता पर भी काबिज हुई।
बीते लोकसभा चुनाव में मनोहर लाल करनाल से सांसद निर्वाचित हुए और मोदी-3.0 सरकार में ऊर्जा, आवास एवं शहरी विकास मंत्री बने। मनोहर लाल के केंद्र में पहुंचते ही कांग्रेस ने पंजाबियों को साधना शुरू कर दिया है। मनोहर के गढ़ करनाल में पिछले सप्ताह कांग्रेस ने पंजाबी सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने शिरकत की।
जीटी बेल्ट पर पंजाब समुदाय का अच्छा खासा प्रभाव है। अंबाला से लेकर कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत व सोनीपत, फरीदाबाद के साथ रोहतक, हांसी व जींद में पंजाबी समुदाय बड़ा फैक्टर है। कांग्रेस की इन जिलों में पंजाबी बाहुल्य सीटों पर नजर है। क्योंकि भाजपा के दस साल के शासन काल में मनहोर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री रहते हुए पंजाबी मतदाताओं का झुकाव भाजपा की और हो गया था। अब खट्टर के केंद्र में जाने से कांग्रेस की नजर पंजाबी वोट बैंक पर है और कांग्रेस इसे साधने के लिए विधानसभा चुनाव में पंजाबियो को उचित प्रतिनिधित्त्व देने की तयारी कर रही है। ताकि सभी वर्गों का साथ कांग्रेस को चुनाव में मिल सके।
No comments :