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प्रदेश सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू ने संघर्ष करने का ऐलान किया

Posted by : pramod goyal on : Sunday 30 June 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 30 जून प्रदेश सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू ने संघर्ष करने का ऐलान किया। सीटू के सैकड़ो  मजदूरों आगामी 21 जुलाई को प्रदेश के श्रम मंत्री श्री मूलचंद शर्मा के आवास पर जोरदार प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में प्रदेश के भवन निर्माण कामगार यूनियन,वन मजदूर , ग्रामीण चौकीदार सभा के हजारों कार्यकर्ता भाग लेंगे। इसके बाद 28 जुलाई को शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा तिरखा के आवास  पर प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में प्रदेश की मिड डे मील वर्कर बड़ी संख्या में भाग लेंगी।  इससे पहले 10 जुलाई को फरीदाबाद के सैकड़ो मजदूर जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करेंगें। इसके साथ-साथ 11 जुलाई को परियोजना कर्मी जिसमें आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन, आशा वर्कर यूनियन, और मिड डे मील वर्कर यूनियन, शामिल है। इनके हजारों कार्यकर्ता अपनी मांगों के प्रति सरकार का उदासीन रवैए को देखते हुए जोरदार धरना प्रदर्शन करके सरकार के नाम ज्ञापन भेजेंगे। यह जानकारी आज सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने दी। उन्होंने बताया कि सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों को देखते हुए सीटू ने चरण बद्ध आन्दोलन की घोषणा  की। यह निर्णय आज सीटू के बसेलुआ कालोनी स्थित आफिस में हूई जिला स्तर की विस्तारित मीटिंग में लिया गया। इसकी ‌ अध्यक्षता जिला प्रधान निरंतर पाराशर ने की। इस सभा सभा को राज्य महासचिव जय भगवान ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सीटू की मुख्य मांगों में

 न्यूनतम वेतन 26 हजार  रुपए 

करने और औद्योगिक श्रमिकों की मांगों और समस्याओं का समाधान करने, ठेका प्रथा पर रोक लगाने, सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने जैसी मांगे शामिल  हैं । 
उन्होंने ने  कहा कि  पिछले  10 सालों में भाजपा  सरकार ने  न्यूनतम वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की । नियमों के अनुसार  प्रत्येक 5 साल में मजदूरों के वेतन में  बढ़ोतरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा की मजदूर हितों के लिए बने अलग अलग बोर्डों में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों को लेने के बजाय सरकार ने अपने चहेतों को  जगह  दी है। जिनका मजदूरों  से  दूर दूर  का भी रिश्ता नहीं है । एक तरफ बढती महंगाई, बेरोजगारी प्रदेश में विकराल रूप धारण कर चुकी है। दूसरी  तरफ डबल इंजन की सरकार  अपने जायज हकों की प्राप्ति  के लिए  आंदोलन करने  वाले  अलग-अलग तबकों पर पिछले 10 साल से जबरदस्त दमन चक्कर चला रखा है। भाजपा के इस तानाशाहीपूर्ण रवैया के खिलाफ लोकसभा चुनाव में जनता ने उसे सबक सिखाया है। परंतु भाजपा सरकार हार के बावजूद भी अपनी  जनविरोधी नीतियों को बदलने के लिए तैयार नहीं है। और दुष प्रचार करके  जन आक्रोश को भ्रमित करने में  लगी हुई  है। 
मीटिंग में बोलते हुए उन्होंने ने  कहा कि  हरियाणा के विकास में मजदूरों का महत्वपूर्ण योगदान है। लेकिन उनकी न सरकार सुन रही और न ही नौकरशाही। राज्य के उद्योग मजदूरों के लिए आग की भट्ठी बन गए हैं। केवल 2024 में ही  बड़े बड़े कारपोरेट के हित में भाजपा ने कानूनों में बदलाव कर मजदूरों को गुलाम बनाने का काम किया है। निर्माण के कारीगर मजदूरों के हित में बने बोर्ड को पंगु बना दिया गया और सुविधाओं पर अघोषित ताला लगाया गया है। स्कीम वर्कर्स हो, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, चौकीदार हो या राज्य के कच्चे कर्मचारी आज उनमें सरकार की नीतियां को लेकर भारी नाराजगी है। लोकसभा चुनाव में मजदूरों ने अपने गुस्से का इजहार वोट के रूप में किया है। यदि लगातार अनदेखी की जाती रही तो भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने में मजदूर कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि  असल  में मजदूरों के अलग-अलग मसलों को हल करने  के लिए सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। उन्होंने कहा कि सीटू ने राज्य के श्रम  मंत्री मूल चंद शर्मा को  मजदूरों की मांगो पर वार्ता के लिए समय देने के लिए पत्र लिखा था । परंतु 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक इस बारे कोई भी जवाब नहीं मिला है। इस लिए सीटू ने संघर्ष करने  का नहीं लिया। इसके  साथ-साथ सीटू अगस्त महीने में होने वाले मजदूर किसानों के संयुक्त अभियान को चलाने में भी निर्णायक भूमिका अदा करेगी। आज की बैठक को  शिवप्रसाद, विजय झा, देवी  राम, वीरेंद्र पाल सिंह, सुधा, देवेन्द्ररी,  राजेंद्र सिंह,नवल सिंह, रामसागर , रामतीरथ, मुकेश भड़ाना, कमलेश, मालवती, राकेश  शर्मा, सविता, दिनेश पाली,राजू, रवि, केपी सिंह, आदि ने भी संबोधित किया।

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