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फरीदाबाद लोकसभा के मतदाता मौन ! सत्ता का डर या फिर उदासीनता

Posted by : pramod goyal on : Monday 20 May 2024 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद। फरीदाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव के अंतिम दिनों में मुख्य राजनैतिक दलों भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवारों ने अपनी पूरी ताकत झोक दी है। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में जहां कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र प्रताप सिंह ताबड़तोड़ जन सभाएं कर रहे है , वहीं भाजपा उम्मीदवार कृषणपाल को अपनों की ही नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा नेता और कार्यकर्त्ता अपने लोकसभा उम्मीदवार के समर्थन में ऊपरी तोर पर तो लगे हुए है, लेकिन उनमे पिछले दो चुनावों की तरह उत्साह नहीं है। ऊपर से आरएसएस की बेरुखी भी भाजपा प्रत्याशी के लिए भारी पड़ रही है। 

जबकि देर से टिकट मिलने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप सिंह के चुनाव ने शुरुआत में रफ़्तार पकड़ ली थी। लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सभी 9 विधानसभाओ में कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र प्रताप के चुनाव को अपना चुनाव मानकर मेहनत कर रहे है। ओल्ड फरीदाबाद से कांग्रेस नेता लखन सिंगला, बलजीत कौशिक और सुमित गौड़,  तिगांव से पूर्व विधायक ललित नागर, जे पी नागर के अलावा अन्य नेता भी कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में पूरी तरह से जुटे हुए है।  वहीं एनआईटी से कांग्रेस के एकमात्र विधायक नीरज शर्मा और बल्लभगढ़ से पूर्व विधायक शारदा राठौर, पूर्व पार्षद दीपक चौधरी और कांग्रेस नेता गिरीश भारद्वाज चुनाव प्रचार को अपने - अपने तरीके से रफ़्तार देने में लगे हुए है। पृथला विधान सभा से रघुवीर तेवतिया और पलवल से पूर्व विधायक करण दलाल और सुभाष चौधरी के आलावा हथीन विधान  सभा से पूर्व मंत्री कांग्रेस के चुनाव प्रचार की कमान पूरी निष्ठा से संभाले हुए है।  इसके विपरीत भाजपा प्रत्याशी कृषणपाल गुर्जर के सामने दो बार के संसदीय काल की चुनौती तो है ही, साथ ही वर्तमान विधायकों के प्रति जनता की नाराजगी भी आड़े सकती है। 

फरीदाबाद में मतदान 25  मई को होना है, लेकिन अधिकांश वोटर मौन है।  वोटरों का यह मौन, सरकार से उनकी उदासीनता हो सकती है या फिर सत्ता का डर। जो मतदान के रूप में सामने आ सकता है। 



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