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फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के दिशा निर्देश तथा डीसीपी सेन्ट्रल जसलीन कौर के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस आयुक्त महिला सुरक्षा एसीपी मोनिका की टीम ने फरीदाबाद में जनवरी से अप्रैल माह तक महिला विरुद्ध अपराधों का विश्लेषण किया जिसमें महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक वारदातों के तरीके, पीड़िता की शिक्षा, उनकी उम्र तथा उनके साथ इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों के साथ पीड़िता का संबंध चिन्हित किया गया है।

जनवरी से अप्रैल तक के 288 मामलों में मुख्यत: 148 मुकदमे अपहरण, 47 मुकदमे दुष्कर्म, 45 मुकदमे पोक्सो एक्ट, 23 मुकदमे छेड़छाड़ के शामिल है।

महिला विरुद्ध अपराध का शिकार 14 से 17 वर्ष की लड़कियां सबसे अधिक होती हैं क्यूंकि इस उम्र में उन्हें आसानी से बहलाया फुसलाया जा सकता है। आंकड़ों के अनुसार आपराधिक गतिविधियों की शिकार मुख्यत: 14 से 17 वर्षीय 169 लड़कियां शामिल है, वहीं 3 से 12 वर्षीय -30 लड़कियां, 30 वर्ष से अधिक की -24 तथा 21 से 25 वर्षीय -19 लड़कियां हैं जिनके साथ अपराधिक वारदातों को अंजाम दिया गया है। इसलिए अपने बच्चों को महिला विरुद्ध अपराध के बारे में जानकारी प्रदान करके गुड टच व बेड टच के बारे में अधिक से अधिक करें जागरूक

आंकड़ों के अनुसार यह भी सामने आया की इन अपराधों का शिकार ज्यादातर कम पढ़ी लिखी लड़कियां होती हैं जिसमें सबसे अधिक अनपढ़ या पहली से दसवीं कक्षा तक पढ़ी हुई 199 लड़कियां शामिल है और वहीं ग्रेजुएट 12 लड़कियां और पोस्ट ग्रेजुएट सिर्फ 1 लड़की शामिल है। इसलिए अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने का अधिक से अधिक अवसर प्रदान करें ताकि वह पढ़ लिखकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें और इस प्रकार की वारदातों का शिकार होने से बच सके।

दुष्कर्म के मामलों में मुख्य तरीका शादी का झांसा देना, नशीला पेय पदार्थ पिलाकर, जबरदस्ती, डरा धमकाकर, बहला फुसलाकर या वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म करना पाया गया है।

यह भी सामने आया कि दुष्कर्म के मामलों में 46 आरोपी पीड़ित महिला के पड़ोसी थे, 37 दोस्त, 14 अंजान, 12 रिश्तेदार, 12 जानकार व 11 सहकर्मी पर गए जो मौका देखकर महिला विरुद्ध अपराध की वारदातों को अंजाम देते हैं।

उक्त मामलों के विश्लेषण के आधार पर महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के निर्देशानुसार कम्युनिटी पुलिसिंग विंग, दुर्गा शक्ति, महिला पुलिस सहित फरीदाबाद पुलिस द्वारा विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। वर्ष 2024 में फरीदाबाद पुलिस द्वारा करीब 100 से अधिक जगरुकता प्रोग्राम कर करीब हजारों महिलाओं, बच्चों, व बुजुर्गों सहित आमजन को इस प्रकार की आपराधिक वारदातों के बारे में डायल 112 व दुर्गा शक्ति के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है ताकि इस प्रकार के मामलों में कमी आए तथा हमारे समाज को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करके और बेहतर बनाया जा सके। सेफ सिटी अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए ऑटो के यूनिक कोड का रजिस्ट्रेशन कराने वाले ऑटो के यूनिक कोड लगाए है। इस साथ ही ई-रिक्शा पर भी यूनिक कोड लगाए गए है।

*महिला सुरक्षा की दिशा में एक कदम ओर आगे बढ़ते हुए पुलिस द्वारा डायल 112 पर ट्रिप मॉनिटरिंग सर्विस शुरू की गई है जिसमें यात्रा करने वाली महिलाओं को सफर के दौरान ट्रैक किया जाता है और उनसे फीडबैक लिया जाता है कि वह सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंची हैं या उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा।* पुलिस की इस पहल से महिलाओं में भी सुरक्षा का माहौल पैदा होगा और महिलाओं के साथ आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों के मन में भी डर का माहौल बनेगा और वह इस प्रकार की आपराधिक वारदातों को अंजाम देने का दुस्साहस नहीं करेंगे। *महिला अपराध बारे डायल 112 पर प्राप्त होने वाली कॉल का फीडबैक लिया जा रहा है। डायल 112 का अधिक से अधिक उपयोग करने के संबंध में आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। वर्ष 2023 में जनवरी से अप्रैल महीने तक दुष्कर्म के 55 मामलों की अपेक्षा इस वर्ष 47 मामले तथा पोक्सो एक्ट (धारा 4 व 6) के 51 मामलों की अपेक्षा इस वर्ष 45 मामले पंजीकृत हुये हैं।*

महिला सुरक्षा व अन्य आपराधिक गतिविधियो अंकुश लगाने के संदर्भ में फरीदाबाद में हजार से अधिक कैमरे और 250 से अधिक पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम स्कूल, कॉलेज, पार्क इत्यादि व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं और उनकी रिकॉर्डेड वाइस के माध्यम से आमजन को महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, सड़क सुरक्षा सहित विभिन्न सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाता है। इसके अलावा तीनों जॉन की दुर्गा शक्ति की छह टीम व महिला थाना की टीम और कम्युनिटी पुलिसिंग द्वारा भी समय-समय पर छात्राओं और महिलाओं को महिला विरूध अपराध के प्रति सजग रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
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