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चंडीगढ़ः हरियाणा में घूंघट व नकाब वाले मतदाताओं को एक और जांच से वोट देने के लिए गुजरना पड़ेगा। चुनाव आयोग ने फर्जी वोटिंग रोकने के लिए यह कदम उठाया है। दरअसल बीते दिनों हैदराबाद में भाजपा प्रत्याशी माधवी लता द्वारा महिलाओं का नकाब हटवा कर निर्वाचन कार्ड से मिलान कराया गया। इस पर काफी विवाद हो गया।
इस मामले के बाद चुनाव आयोग अलर्ट हो गया है। आयोग खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में 'पर्दानशीन' वोटरर्स का वेरिफिकेशन कराएगा। इसके लिए आंगनवाड़ी वर्कर और असिस्टेंट नर्स (दाइयों) की विशेष रूप से नियुक्ति की गई है। यह नियुक्तियां ग्रामीण क्षेत्रों में की जाएंगी, जहां हिंदू महिलाएं घूंघट में व मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनती हैं।
भाजपा की नूंह जिला इकाई द्वारा चुनाव आयोग से इस तरह के प्रावधान की मांग की गई थी। उनका कहना है कि हम सभी जानते हैं नूंह में क्या होता है। इसलिए हम हैदराबाद की तरह किसी तरह का विवाद नहीं चाहते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि चुनाव आयोग द्वारा घूंघट व बुर्का पहनने वाली महिलाओं के सत्यापन के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए। गौरतलब है कि हरियाणा में सबसे अधिक वोटिंग नूंह जिले में होती है। ऐसा आरोप है कि यहां काफी बोगस वोट भी डाले जाते हैं।
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