//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद 16 मई वाईएमसीए वर्कर्स यूनियन ने अपनी मांगों का ज्ञापन फरीदाबाद लोक सभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह को देने का निर्णय लिया । यह निर्णय यूनियन की जनरल बॉडी की मीटिंग में लिया गया । इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधान लेखराज ने की। मीटिंग को सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल और उपाध्यक्ष रवि
ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत कर्मचारियों की मांगों और समस्याओं का समाधान नहीं करने का आरोप लगाया । उन्होंने बताया कि प्रशासन इन कर्मचारियों को पहचान पत्र तक नहीं दे रहा है। जबकि इसको बनाने में किसी भी प्रकार की धनराशि खर्च नहीं होती है । विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारियों के वेतन से बीमा के नाम पर1500 रूपए की राशि को काट लिया लेकिन अभी तक उन्हें पैनल के अस्पतालों में चिकित्सा की सुविधा नहीं दी जा रही है।सेवानिवृत होने पर किसी भी प्रकार का लाभांश नहीं मिलता है। जो कर्मचारी जैसे भर्ती होता है। उसी तरह सेवानिवृत हो जाता है। उन्हें ग्रेजुएटी और अवकाश का भी पैसा नहीं मिलता है। पेंशन प्रणाली यहां पर लागू नहीं होती है। क्योंकि कर्मचारीयों को सेवा में आने के बाद कभी भी रेगुलर नहीं किए जाता हैं। जबकि इन कर्मचारियों को विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के कार्यों को करने का जिम्मा सौंपा जाता है। विद्यार्थियों के पेपर के दिनों में इनसे अतिरिक्त कार्य लिया जाता है। लेकिन इस कार्य की एवज में कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन वर्करों के वेतन में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है। आज देश प्रदेश में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है। बड़ी संख्या में छोटे उद्योग और कारोबार बंद हो रहे हैं। किसान मजदूर व्यापारी बेहाल हैं। इस सरकार ने मजदूरों के हितों में बने श्रम कानूनों को रद्द कर दिया। शिक्षा स्वास्थ्य बिजली पानी परिवहन आदि सभी जरूरी सार्वजनिक सुविधाओं को प्राइवेट कंपनियों के हवाले किया जा रहा है। सरकारी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं। मामूली वेतन पर कच्ची एवं ठेके पर भर्ती करके मजदूर और कर्मचारियों से बंधुवा मजदूरों की तरह काम लिया जा रहा है। सेवा में भी 4 साल के लिए अग्नि वीर योजना ला करके सरकार ने नौजवानों के साथ भद्दा मजाक किया है। देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में मुख्य सवाल यह है। कि देश में लोकतांत्रिक संवैधानिक व्यवस्था बचेगी या नहीं। इसलिये आगामी 25 मई को होने वाले लोकसभा के चुनावों में अपना मताधिकार का प्रयोग सोच समझकर करने की जरूरत है।
No comments :