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फरीदाबाद- डीसीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच ऊंचागांव प्रभारी पंकज कुमार की टीम ने अपहरण और लूट का प्रयास करने के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में वेद प्रकाश, दीपक उर्फ कुच्चू ,हिमांशु, ऋतिक तथा कालू उर्फ कल्लू का नाम शामिल है। आरोपी हिमांशु फरीदाबाद के आदर्श नगर तथा कालू संत नगर का निवासी है। आरोपी वेद प्रकाश पलवल के होडल में स्थित भुलवाना गांव का रहने वाला है वहीं आरोपी दीपक और रितिक भी पलवल के निवासी हैं। इस मामले में आरोपियों का एक साथी अजय फरार चल रहा है जिसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इस वारदात का मुख्य आरोपी वेद प्रकाश है जिसका उसी के गांव के रहने वाले पीड़ित धर्मवीर के साथ वर्ष 2022 में हुए सरपंची के चुनाव के समय से विवाद चल रहा था जिसमें धर्मवीर ने वेद प्रकाश चुनाव के समय दूसरे पक्ष के साथ था। इसी के तहत आरोपी वेद प्रकाश ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर धर्मवीर का अपहरण करके उस
के हाथ पैर तोड़ने की योजना बनाई जिसमें वह सफल नहीं हो पाए। धर्मवीर पिछले सात आठ साल से दिल्ली में एक कंपनी में टैक्सी ड्राइवर का काम करता है। इस मामले में आरोपी रितिक ने एक फर्जी आधार कार्ड मंगवाया और उस आधार कार्ड पर आरोपी दीपक ने वृंदावन जाने के लिए टैक्सी बुक करवाई और कहा कि ड्राइवर धर्मवीर को ही टैक्सी देकर भेजना क्योंकि वह उसके साथ पहले भी यात्रा कर चुके हैं और यह बहाना बनाकर उन्होंने ड्राइवर धर्मवीर को बुला लिया। 9 मई की शाम करीब 9:00 बजे धर्मवीर अपनी इनोवा क्रिस्टा गाड़ी लेकर फरीदाबाद पहुंचा जहां उसे सबसे पहले आरोपी दीपक मिला जो गाड़ी में पीछे बैठ गया और उसे एक सुनसान रास्ते की तरफ ले जाने लगा जहां टैक्सी ड्राइवर ने जाने से मना कर दिया तो आरोपी दीपक के अन्य साथी मौके पर आ गए और उन्होंने टैक्सी ड्राइवर के साथ धक्का मुक्की शुरू कर दी। टैक्सी ड्राइवर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए उन्हें धक्का दिया और गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया और थोड़ी दूर जाकर पुलिस तथा अपने मालिक को फोन कर दिया। सूचना मिलते पुलिस टीम मौके पर पहुंची तब तक आरोपी पीड़ित की गाड़ी वहां छोड़कर उसकी चाबी लेकर फरार हो चुके थे। पीड़ित की शिकायत के आधार पर आदर्श नगर थाने में अपहरण, स्नैचिंग इत्यादि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई जिसमें क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले में तकनीकी के आधार पर कार्रवाई करते हुए 11 मई को आरोपी वेद प्रकाश और दीपक को होडल से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को अदालत में पेश करके दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी। इसके पश्चात पुलिस ने तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच में सामने आया कि दो-तीन महीने पहले पीड़ित धर्मवीर अपने गांव के मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए गया था जहां पर आरोपी वेद प्रकाश के चचेरे भाई सरपंच ने अपना ऑफिस खोल रखा था। धर्मवीर वहां गया तो सरपंच और उसके साथियों ने उसे वहां से धक्का देकर बाहर निकाल दिया। गांववालों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने सरपंच के ऑफिस को वहां से उठवा दिया। आरोपी वेद प्रकाश और उसके साथी इसी बात की रंजिश रखने लगे और इसके चलते उन्होंने धर्मवीर का अपहरण करके उसके हाथ पैर तोड़ने की योजना बनाई। आरोपियों में शामिल आरोपी दीपक पलवल की एक हथोड़ा गैंग का सदस्य है जो लोगों के हाथ पैर तोड़ देती है। आरोपी दीपक के खिलाफ लड़ाई झगड़े का एक मुकदमा भी दर्ज है। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है वहीं मामले में फरार चल रहे आरोपी अजय की तलाश की जा रही है जिसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उसके कब्जे से गाड़ी की चाबी बरामद की जाएगी।
के हाथ पैर तोड़ने की योजना बनाई जिसमें वह सफल नहीं हो पाए। धर्मवीर पिछले सात आठ साल से दिल्ली में एक कंपनी में टैक्सी ड्राइवर का काम करता है। इस मामले में आरोपी रितिक ने एक फर्जी आधार कार्ड मंगवाया और उस आधार कार्ड पर आरोपी दीपक ने वृंदावन जाने के लिए टैक्सी बुक करवाई और कहा कि ड्राइवर धर्मवीर को ही टैक्सी देकर भेजना क्योंकि वह उसके साथ पहले भी यात्रा कर चुके हैं और यह बहाना बनाकर उन्होंने ड्राइवर धर्मवीर को बुला लिया। 9 मई की शाम करीब 9:00 बजे धर्मवीर अपनी इनोवा क्रिस्टा गाड़ी लेकर फरीदाबाद पहुंचा जहां उसे सबसे पहले आरोपी दीपक मिला जो गाड़ी में पीछे बैठ गया और उसे एक सुनसान रास्ते की तरफ ले जाने लगा जहां टैक्सी ड्राइवर ने जाने से मना कर दिया तो आरोपी दीपक के अन्य साथी मौके पर आ गए और उन्होंने टैक्सी ड्राइवर के साथ धक्का मुक्की शुरू कर दी। टैक्सी ड्राइवर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए उन्हें धक्का दिया और गाड़ी छोड़कर मौके से फरार हो गया और थोड़ी दूर जाकर पुलिस तथा अपने मालिक को फोन कर दिया। सूचना मिलते पुलिस टीम मौके पर पहुंची तब तक आरोपी पीड़ित की गाड़ी वहां छोड़कर उसकी चाबी लेकर फरार हो चुके थे। पीड़ित की शिकायत के आधार पर आदर्श नगर थाने में अपहरण, स्नैचिंग इत्यादि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई जिसमें क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले में तकनीकी के आधार पर कार्रवाई करते हुए 11 मई को आरोपी वेद प्रकाश और दीपक को होडल से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को अदालत में पेश करके दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी। इसके पश्चात पुलिस ने तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच में सामने आया कि दो-तीन महीने पहले पीड़ित धर्मवीर अपने गांव के मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए गया था जहां पर आरोपी वेद प्रकाश के चचेरे भाई सरपंच ने अपना ऑफिस खोल रखा था। धर्मवीर वहां गया तो सरपंच और उसके साथियों ने उसे वहां से धक्का देकर बाहर निकाल दिया। गांववालों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने सरपंच के ऑफिस को वहां से उठवा दिया। आरोपी वेद प्रकाश और उसके साथी इसी बात की रंजिश रखने लगे और इसके चलते उन्होंने धर्मवीर का अपहरण करके उसके हाथ पैर तोड़ने की योजना बनाई। आरोपियों में शामिल आरोपी दीपक पलवल की एक हथोड़ा गैंग का सदस्य है जो लोगों के हाथ पैर तोड़ देती है। आरोपी दीपक के खिलाफ लड़ाई झगड़े का एक मुकदमा भी दर्ज है। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है वहीं मामले में फरार चल रहे आरोपी अजय की तलाश की जा रही है जिसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उसके कब्जे से गाड़ी की चाबी बरामद की जाएगी।
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