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नगरपालिका कर्मचारी संघ डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में विचार गोष्ठी का आयोजन करेगा

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 10 April 2024 0 comments
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 फरीदाबाद, 10 अप्रैल -


नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा की जिला कमेटी फरीदाबाद द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष में 12अप्रैल को वर्तमान सामाज एवं राजनीतिक स्थिति और संविधान की मूल भावना पर विचार गोष्ठी का आयोजन कर बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेगा। यह निर्णय नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के  जिला प्रधान दलीप सिंह बोहत की अध्यक्षता में निगम काफ्रेंसन हाल में सम्प्पन हुई  बैठक में लिया गया इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निगम आयुक्त ए श्री मोना व अतिरिक्त निगम आयुक्त गौरव अंतिल होंगे व अध्यक्षता नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री करेंगे तथा मुख्य वक्ता सी० आई० टी० यू० के महासचिव जय भगवान होंगे। इस अवसर पर प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सोशल मीडिया के पत्रकार बंधुओ को भी सम्मानित किया जाएगा। यह ऐलान नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के जिला प्रधान दिलीप सिंह बोहत व जिला सचिव अनिल चिनालिया ने संयुक्त रूप से करते हुए कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर समाज के सभी वंचितो, पिछडों, महिलाओं, श्रमिकों, दलितों, आदिवासियों एवं किसानों के   मसीहा थे। उन्होंने संविधान में सभी धर्म को  सम्मान देने तथा सभी भारतीय नागरिकों को  शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार एवं बराबरी का अधिकार देने के साथ-साथ गरीबो को न्याय देने की व्यवस्था भी संविधान में की संविधान की मूल भावना से ज्ञात होता है की डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारतीय नागरिकों के बहुत बड़े शुभचिंतक थे। श्री बोहत व चिंडालिया ने कहा कि वर्तमान समाज में फैली कुरीतियां एवं राजनीतिक हालात के मध्य नजर संविधान की भावना को समझना अति आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि सरकार समाज के सबसे वंचित शोषित पीड़ित सफाई जैसा घृणित कार्य करने वाले लोगों को भी न्याय प्रदान नहीं कर पा रही है। इसके खिलाफ 28 अप्रैल को रोहतक में राज्य स्तरीय कन्वेंशन आयोजित कर संघ आगामी आंदोलन का आगाज करेगा। बोहत ने कहा कि 10-10 वर्षों से सीवर व सफाई  फायर व थ्री, फोर्थ क्लास के कर्मचारी पक्का होने की बाट देख रहे हैं। लेकिन सरकार रेगुलाइजेशन का कानून बनाने की बजाय इन युवाओं को ठेका प्रथा में धकेलने का काम कर रही है, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।  सरकार को रेगुलाइजेशन, पुरानी पेंशन बहाली, रिक्त पदों पर नियमित भर्ती, ठेका प्रथा समाप्त करने व अन्य मांगों का समाधान करने के लिए ठोस कानून बनाने की आवश्यकता है।

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