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स्कूल बसों के लिए बनाए गए नियमों का भी पालन नहीं करते स्कूल संचालक,,,,,,,मंच

Posted by : pramod goyal on : Friday, 12 April 2024 0 comments
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 महेंद्रगढ़ जिले में स्कूल बस पलटने से कई छात्रों की मृत्यु होने व कई छात्रों के घायल होने पर हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने गहरा दुख प्रकट करते हुए संवेदना प्रकट की है।

हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि ऐसी घटनाएं पहले भी फरीदाबाद  सहित अन्य कई जगह हुई हैं जिसके बाद ही जिला प्रशासन  द्वारा स्कूल बसों की जांच, ड्राइवर के मेडिकल फिटनेस की जांच,मानकों की जांच आदि की गयी लेकिन कुछ दिन बाद ही ऐसी जांच बंद कर दी गई है।  मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व लीगल एडवाइजर एडवोकेट बीएस बिरदी ने कहा है कि स्कूली बसों के लिए जितने भी नियम कानून बने हैं उनकी जांच नियमित होनी चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि जब भी कोई जांच होती भी है तो उसमें कभी भी पेरेंट्स को शामिल नहीं किया गया। हरियाणा शिक्षा नियमावली व सीबीएसई का एक नियम है कि स्कूल वाले अपनी फीस संरचना,दाखिला पॉलिसी,फीस बढ़ाने का कारण,अध्यापकों को दी जा रही सैलरी, छात्रों को मिल रही सुविधाएं आदि का विवरण अपनी स्कूल की वेबसाइट पर डालेगा और उस जानकारी को अपने नोटिस बोर्ड पर भी चिपकाएगा। अभिभावक मंच प्रेस के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से मांग कराता है कि प्राइवेट स्कूलों के लिए ऐसा नियम तुरंत बनाना चाहिए कि   स्कूल प्रबंधन अपनी स्कूल की बसों की फिटनेस रिपोर्ट, प्रत्येक रूट की बस के ड्राइवर का नाम, उसका लाइसेंस, उसकी मेडिकल रिपोर्ट, बस में छात्रों की सीट संख्या, स्कूल बसों के लिए कौन-कौन से नियम बना रखे हैं, स्कूल प्रबंधक इन सबकी जानकारी स्कूल की वेबसाइट पर डालें और उसको नोटिस बोर्ड पर भी लगाएं इसके अलावा इन सबकी जानकारी का एक पेपर PTM में प्रत्येक पेरेंट्स को दें यानि पेरेंट्स को यह जानने का अधिकार होना चाहिए कि जिस बस में वह अपने बच्चों को भेज रहा है स्कूल संचालक व उसकी बस  उन सभी नियम कानून व मानकों को पूरा कर रही है या नहीं जो बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार ने बना रखे हैं।
मंच यह भी मांग करता है कि स्कूल बसों की जांच नियमित रूप से होती रहनी चाहिए और जांच के बाद अगर मानकों का उल्लंघन पाया जाता है तो उस स्कूल की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए और बस का परमिट कैंसिल कर देना चाहिए 

स्कूल बस के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश,
स्कूल बस सुरक्षा के लिए भारत सरकार के नियम और विनियम - 

• बस के पीछे और आगे "स्कूल बस" अवश्य लिखा होना चाहिए।
• यदि यह किराए की बस है, तो "स्कूल ड्यूटी पर" स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए
• बस में फर्स्ट-एड-बॉक्स अवश्य होना चाहिए।
• बस की खिड़कियों में क्षैतिज ग्रिल लगी होनी चाहिए।
• बस में अग्निशामक यंत्र अवश्य होना चाहिए।
• बस पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर अवश्य लिखा होना चाहिए।
• बस के दरवाज़ों पर विश्वसनीय ताले लगे होने चाहिए।
• स्कूल बैग को सुरक्षित रखने के लिए सीटों के नीचे जगह होनी चाहिए।
• बस में स्कूल का एक अटेंडेंट होना चाहिए। स्कूल कैब में स्पी

ड गवर्नर लगे होने चाहिए और अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए।
• स्कूल कैब की बॉडी हाईवे पीले रंग की होनी चाहिए और वाहन के चारों ओर बीच में 150 मिमी चौड़ाई की हरे रंग की क्षैतिज पट्टी होनी चाहिए और वाहन के चारों तरफ 'स्कूल कैब' शब्द प्रमुखता से प्रदर्शित होना चाहिए।
• यदि स्कूली बच्चों की उम्र 12 वर्ष से कम है, तो ले जाने वाले बच्चों की संख्या अनुमत बैठने की क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक नहीं होगी। 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को एक व्यक्ति माना जाएगा।
• स्कूल कैब के ड्राइवर के पास कम से कम चार साल की अवधि के लिए एलएमवी-ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने का वैध लाइसेंस होना चाहिए और अनिवार्य रूप से हल्के नीले रंग की शर्ट, हल्के नीले रंग की पतलून और काले जूते पहनना चाहिए। उसका नाम आईडी शर्ट पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
• वाहन के अंदर स्कूल बैग रखने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए और बैग को वाहन के बाहर नहीं लटकाया जाना चाहिए या छत के कैरियर पर नहीं रखा जाना चाहिए।
• बस चालक को स्कूल कैब में ले जाए जाने वाले बच्चों की पूरी सूची रखनी होगी, जिसमें नाम, कक्षा, आवासीय पता, रक्त समूह और रुकने के बिंदु, रूट योजना आदि का उल्लेख होना चाहिए।
• किंडरगार्टन के मामले में, यदि स्कूल और माता-पिता द्वारा पारस्परिक रूप से मान्यता प्राप्त कोई अधिकृत व्यक्ति बच्चे को रुकने वाले स्थानों से लेने नहीं आता है, तो बच्चे को स्कूल में वापस ले जाया जाएगा और उनके माता-पिता को बुलाया  जाए 


माता-पिता छात्र के लिए भी 
नियम 

माता-पिता को अपने बच्चों को निर्धारित समय पर स्कूल बस या असेंबली प्वाइंट तक पहुंचाना होगा। यदि उनकी ओर से देरी होती है, तो माता-पिता को ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराए बिना,अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाना होगा।
माता-पिता को अपने बच्चों को यातायात सुरक्षा के महत्व और स्कूल बस का इंतजार करने और सवारी करने के तरीके के बारे में प्रशिक्षण और शिक्षित करने में मदद करनी चाहिए।
माता-पिता को ड्राइवर के किसी भी अपराध या लापरवाही के बारे में स्कूल प्रशासन को सूचित करना चाहिए।
माता-पिता की जिम्मेदारी के तहत, यदि घर लौटने पर कोई उन्हें लेने नहीं आता है तो ड्राइवर छात्रों को स्कूल लौटा सकता है।
छात्रों को बस को साफ-सुथरा रखना चाहिए और ड्राइवर या छात्रों द्वारा किए गए किसी भी अपराध के बारे में स्कूल प्रबंधन या अपने माता-पिता को सूचित करना चाहिए।

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