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पीएचडी करने के लिए अब पोस्ट ग्रेजुएशन की जरूरत नहीं

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 23 April 2024 0 comments
pramod goyal
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 पीएचडी करने के लिए अब पोस्ट ग्रेजुएशन करने की जरूरत नहीं रही. अब चार साल ग्रेजुएशन डिग्री वाले छात्र भी सीधे पीएचडी कर सकेंगे. अगर उनके पास 75% कुल अंक या समकक्ष ग्रेड है, तो ऐसे ग्रेजुएशन डिग्री वाले छात्र पीएचडी करने के पात्र होंगे. इसके साथ ही नेशनल पात्रता परीक्षा-नेट में भी चार सालों की डिग्री वाले छात्र शामिल हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी यूजीसी ने ये महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. इसकी जानकारी यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने दी. 

जूनियर रिसर्च फैलो यानी जेआरएफ़ के साथ या उसके बिना पीएचडी करने के लिए कैंडिडेट्स को चार सालों के ग्रेजुएशन कोर्स में मिनिमम 75 परसेन्ट या इसके समकक्ष ग्रेड की जरूरत होगी. अभी तक के नियम के मुताबिक, नेट में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी की 55 प्रतिशत मार्क्स के साथ पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री की जरूरत होती थी. मगर अब चार सालों की स्नातक डिग्री वाले छात्र भी नेट की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं और सीधे पीएचडी भी कर सकते हैं. इसके लिए सब्जेक्ट का भी दायरा नहीं है. अभ्यर्थी किसी भी विषय में पीएचडी कर सकता है. भले ही उसने ग्रेजुएशन किसी भी विषय में किया हो.


नए नियमों के तहत यूजीसी ने कुछ शर्तें भी तय की हैं. चार साला यूजी कोर्स पूरा करने वाले या आठ सेमेस्टर पूरे कर ग्रेजुएशन की डिग्री लेने वाले छात्र इस नए सिस्टम में पात्र माने जाएंगे. हालांकि इसके लिए 75 प्रतिशत मार्क्स हासिल करने की शर्त है और जहां मार्क्स की बजाए ग्रेड का सिस्टम है, वहां से पास आउट अभ्यर्थियों का ग्रेड 75 प्रतिशत अंकों के बराबर होना चाहिए. आरक्षण के पात्र अभ्यर्थियों को यहां अंकों के मामले में छूट दी जा सकती है. नियमों में बदलाव करने के बाद यूजीसी नेट के लिए रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस शुरू हो गया है. जहां रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 10 मई है, वहीं 12 मई तक एप्लीकेशन फीस जमा करवाई जा सकती है.

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