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फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक से 48 लाख रुपए का लोन लेकर गबन करने वाले आरोपी गिरफ्तार

Posted by : pramod goyal on : Saturday 20 April 2024 0 comments
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 फरीदाबाद:20अप्रैल , पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए एसीपी आर्थिक अपराध शाखा मदन सिंह के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध शाखा सेंट्रल की टीम ने बैंक से लोन लेकर 48 लाख रुपए का गबन करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार



किए गए आरोपी का नाम योगेश है जो नई दिल्ली के नांगलोई करने वाला है। आरोपी योगेश इस मामले के मुख्य आरोपी संजीव के पास नौकरी करता है। आरोपी संजीव ने योगेश के नाम पर एक फर्म रजिस्टर कराई और उस फर्म के नाम पर बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की दिल्ली की विकासपुरी शाखा में एक बैंक खाता खुलवाया। इसके बाद आरोपी संजीव ने अपने पास काम करने वाले दूसरे व्यक्ति सोनू को राजेश सभरवाल बनाकर बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र की इसी विकासपुरी शाखा में एक ओर बैंक खाता खुलवाया। इसके बाद आरोपियों ने दिल्ली के पंजाबी बाग में एक फर्जी सेल डीड रजिस्टर करवाई और उस सेल डीड के आधार पर दिसंबर 2021 में फरीदाबाद के सेक्टर 12 में स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक से 48 लाख रुपए का लोन लेकर उसे पहले योगेश के खाते में डलवाया और उसके बाद राजेश सभरवाल के खाते में ट्रांसफर करवा सारे पैसे निकलवा लिए। आरोपियों ने बैंक में एक दो किस्त भरी और उसके बाद में किस्त भरना बंद कर दी। इसके पश्चात बैंक ने इन्हें नोटिस भेजने शुरू कर दिया परंतु जिस पते पर नोटिस भेजा गया वह फर्जी निकला। 

बैंक मैनेजर की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर अगस्त 2023 में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच की गई जिसमें आर्थिक अपराध शाखा ने सभी पहलुओं की गहनता से जांच करने के पश्चात मामले में शामिल आरोपी योगेश को आज दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को अदालत में पेश करके तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है जिसमें पूछताछ के दौरान सामने आया कि आरोपी संजीव की दिल्ली में एक केमिकल फैक्ट्री है जहां पर योगेश और उसके अन्य साथी काम करते थे। आरोपी संजीव इनकी फर्जी फॉर्म रजिस्टर करवारकर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देता था। आरोपियों द्वारा गुरुग्राम में भी इंडियन ओवरसीज बैंक में इस प्रकार की धोखाधड़ी की करीब 10 वारदातें की गई हैं जिनकी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है। पुलिस रिमांड पुराने के पश्चात आरोपी को जेल भेजा जाएगा और उसके साथियों की तलाश कर उनकी धरपकड़ की जाएगी।

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