फरीदाबाद। नेताओं की भी अजीब जाति है, जो कपड़ो की तरह राजनैतिक दल बदल लेते है। सत्ता के लालच में कभी इधर तो कभी उधर होने वाले ऐसे नेताओं को क्या संज्ञा दी जाये, इसे तो जनता पर ही छोड़ देते है। लेकिन इतना तय है कि ऐसे नेता कभी आम जनता का भला नहीं कर सकते। वैसे तो हरियाणा आया राम - गया राम की जाजनीति के मामले में पहले से ही बदनाम है। परन्तु कुछ नेताओं ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है। जिन्होंने कोई राजनैतिक दल छोड़ा नहीं है, जहां उन्होंने अपनी उपस्तिथि दर्ज न कराई हो।
इस क्रम में आप नेता धर्मवीर भड़ाना ने आज भाजपा का दामन थाम लिया। बड़े भाजपा नेताओं की मौजूदगी में धर्मवीर भड़ाना ने झाड़ू छोड़कर कर कमल थाम लिया। धर्मवीर भड़ाना आम आदमी पार्टी से पहले इनेलो में रह चुके है। इससे पूर्व वे जब कांग्रेस सत्ता में थी तब धर्मवीर भड़ाना कांग्रेस के साथ थे। समय समय पर अपने फायदे के लिए दल - बदल करने वाले नेता राजनीती और विशेषकर राजनैतिक दल के लिए कितने कारगर होंगे यह तो समय ही बतायेगा। एक कहावत है कि एक जगह पड़ा हुआ पत्थर भी भारी हो जाता है। समय के साथ इधर उधर लुढ़कने
वाला पत्थर किसी काम का नहीं होता।
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