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सराय ख्वाजा फरीदाबाद जेआरसी ने मनाया महाशिवरात्रि पर्व

Posted by : pramod goyal on : Friday 8 March 2024 0 comments
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 राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद की सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के मार्गनिर्देशन में महाशिवरात्रि पर्व मनाया। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि पर्व भारत के पवित्र त्यौहारों में से एक बहुत बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव


की कृपा का उत्सव मनाया जाता है। शिव को आदि गुरु  प्रथम गुरु माना जाता है और उन्हीं से योगिक परंपरा की शुरुआत हुई थी। इस रात में ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि ये मानव शरीर में ऊर्जा को शक्तिशाली ढंग से ऊपर की ओर ले जाती है। इस रात रीढ़ को सीधा रखकर जाग्रत और सजग रहना हमारी शारीरिक और आध्यात्मिक खुशहाली के लिए बहुत ही लाभदायक है। ब्रिगेड अधिकारी और प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि महाशिवरात्रि हमें प्रकृति की शक्तियों का हमारे भलाई के लिए उपयोग करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। अमावस्या से पूर्व का एक दिन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। एक वर्ष में आने वाली सभी शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है इस रात ग्रह का उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्य भीतर ऊर्जा का प्राकृतिक रूप से ऊपर की और जाती है। यह एक ऐसा दिन है जब प्रकृति मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में सहायक होती है। इस समय का उपयोग करने के लिए इस परंपरा में हम एक उत्सव मनाते हैं जो पूरी रात चलता है। पूरी रात मनाए जाने वाले इस उत्सव में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि ऊर्जाओं के प्राकृतिक प्रवाह को उमड़ने का पूरा अवसर मिले। जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर का उत्तरदायित्व संभाल रहे प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार साधकों के लिए यह वह दिन है जिस दिन भगवान भोलेनाथ कैलाश पर्वत के साथ एकात्म हो गए थे। वे एक पर्वत की भाँति स्थिर व निश्चल हो गए थे। यौगिक परंपरा में शिव को किसी देवता की तरह नहीं पूजा जाता। उन्हें आदि गुरु माना जाता है पहले गुरु जिनसे ज्ञान उपजा। ध्यान की अनेक सहस्राब्दियों के पश्चात् एक दिन वे पूर्ण रूप से स्थिर हो गए। वही दिन महाशिवरात्रि का था। उनके भीतर की सारी गतिविधियाँ शांत हुईं और वे पूरी तरह से स्थिर हुए इसलिए साधक महाशिवरात्रि को स्थिरता की रात्रि के रूप में मनाते हैं। आज  महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव पर आधारित पेंटिग बनाने के लिए प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा और अध्यापकों ने विद्यार्थियों की प्रशंसा की और कहा कि आप और हम सब पर सदैव भगवान शिव शंकर की कृपा बनी रहे।

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