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आशा वर्कर्स की मांगों के समाधान हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मंत्री मूलचंद शर्मा को सौंपा

Posted by : pramod goyal on : Saturday 2 March 2024 0 comments
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 फरीदाबाद - आशा वर्कर्स यूनियन संबंधित  सीटू जिला कमेटी फरीदाबाद ने  आज आशा वर्कर्स की मांगों के समाधान हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कैबिनेट मंत्री श्री मूलचंद शर्मा को सौंपा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरे जिले की सैकड़ो आशा वर्कर वाईएमसीए मेट्रो स्टेशन के पास एकत्रित हुई। यहां  पर सरकार की दमनकारी नीतियों से नाराज हुई  बैठी आशा वर्करों ने  पर जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि कल 29 फरवरी को पूरे प्रदेश से वर्कर पंचकूला में विभाग के निर्देशक के यहां मांगों के समाधान के लिए


जा रही थी। तो पुलिस द्वारा दमन की कार्रवाई की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। यूनियन को डायरेक्टर के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करने से रोका गया। जो सरकार का एक निंदनीय कृत्य है। आशाओं की आवाज  को दबाने के विरोध में आज पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हो रहे हैं । आशाओं ने  वाईएमसीए से  प्रदर्शन शुरू  किया और प्रदेश के  कैबिनेट मंत्री के कार्यालय सेक्टर 8 में पहुंचे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व जिला प्रधान हेमलता कर रही थी। जबकि संचालन जिला सचिव सुधा ने किया। इस प्रदर्शन में सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर, जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल, जिला कमेटी सदस्य दिनेश पाली, और कमलेश विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंत्री के कार्यालय के सामने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जिला सचिव ने बताया कि आशा वर्कर अपनी लंबित मांगों को लागू करने के लिए 29 फरवरी को एनएचएम के डायरेक्टर के कार्यालय पर पंचकूला में जा रहे थे। उन्हें वहां पर नहीं जाने दिया गया। आशा वर्करों के साथ ही सीटू के नेताओं को भी हरियाणा की पंचकूला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। और देर रात तक उन्हें दूर दराज छोड़ा गया।  उन्होंने बताया कि  धरने, पर्दर्शन, नारेबाजी , हड़ताल करना हमारा संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन केंद्र व राज्य सरकारें लोकतांत्रिक अधिकारों  का हनन कर  रही  हैं। यूनियन की मुख्य मांगों में समझौते के अनुसार हड़ताल के दौरान हुए आशा वर्कर्स के ₹4000 फिक्स करके पूरे दिए जाएं। आशा वर्कर को योग्यता के आधार पर पदोन्नति दी जाए। सरकारी नौकरी लगने के लिए पांच नंबर की पेपरों में छूट दी जाए। आशा पर पे एप और गाइडलाइन में जरूरी सुधार करते हुए दूसरे जिले में होने वाली डिलीवरी का बेनिफिट तुरंत आशाओं को दिलवाया जाए। आशाओं के डेथ क्लेम को बढ़ाया जाए। आशाओं के लिए बैंक लोन और कुछ अन्य सुविधाएं की व्यवस्था की जाए। आशा की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए। आशा फैसिलिटेटर की विजिट की प्रोत्साहन राशि बढ़ाई जाए और रिपोर्टिंग की प्रोत्साहन राशि दी जाए। इसके अलावा आशाओं के ड्रेस के पैसे को बढ़ाया जाए। धुलाई भत्ता जारी किया जाए। यूनियन ने रेवाड़ी में बदले की भावना से हटाए गई आशाओं को वापस ड्यूटी पर लेने की मांग भी दोहराई है। आज के प्रदर्शन को सुशीला, अनीता भारद्वाज शाहीन परवीन चंद्र प्रभा ने भी संबोधित किया।

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