नई दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनावी बॉन्ड योजना (Electoral Bonds) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है. चुनावी बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी साल में अंसवैधानिक करार देना, केंद्र सरकार को बड़ा झटका है. कोर्ट ने कहा, "काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है. चुनावी बांड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है. राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिंग की जानकारी उजागर न करना उद्देश्य के विपरीत है." प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल दो नवंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड तुरंत रोकने के आदेश दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी कर कहा, "स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) चुनावी बांड के माध्यम से अब तक किए गए योगदान के सभी विवरण 06 मार्च तक चुनाव आयोग को दे." साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर जानकारी साझा करे.
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