हरियाणा के जींद में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एकलव्य स्टेडियम में रविवार को संकल्प महारैली का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेशभर से हजारों की संख्या में कर्मचारियों व अधिकारियो ने भाग लिया। रैली में भीड़ इतनी अधिक थी कि एकलव्य स्टेडियम छोटा पड़ गया।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए बनाई गई संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर, वजीर गांगोली और जोगेंद्र लोहान ने कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं। इस बार कर्मचारियों की एकजुटता को देखकर लगता है कि पुरानी पेंशन बहाली लागू करवाकर ही दम लेंगे। प्रदेशभर से कर्मचारियों ने इस रैली में भाग लिया। समिति के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जसमेर पूनिया ने बताया कि वह छह फरवरी को चंडीगढ़ से पैदल चले थे। आज सभी जगह निमंत्रण देते हुए रैली में पहुंचे हैं।
पिछले साल जून में कर्मचारियों ने ओपीएस को लेकर जागरूकता साइकिल यात्रा निकाली थी और एक अक्तूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कर्मचारियों ने रैली की थी। इसमें भी काफी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया था। धारीवाल ने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा दे रही है।
लेकिन, कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। यदि कोई भी नेता चाहे वह एक दिन के लिए भी विधायक या सांसद चुना जाता है तो वह पेंशन लेने का हकदार है। जितनी बार वह विधायक या सांसद बनेगा, उतनी ही उसकी पेंशन बनेंगी, लेकिन कर्मचारी अपना पूरा जीवन सरकारी सेवा में जनता को समर्पित करता है। फिर भी उसे कुछ नहीं मिल रहा। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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