फरीदाबाद 11 फरवरी पूंजीपरस्त नीतियों और सांप्रदायिकता के खिलाफ तथा देश में जनपक्षीय नीतियों का निर्माण करने को लेकर आज सीपीएम और सीपीआई की संयुक्त कन्वेंशन स्थानीय भोजपुरी अवधी समाज धर्मशाला डबुआ में संपन्न हुई। कन्वेंशन की अध्यक्षता सीपीएम के कामरेड वीरेंद्र सिंह डंगवाल और सीपीआई के डॉक्टर आर एस तिवारी ने संयुक्त रूप से की। जबकि संचालन कामरेड आर एन सिंह ने किया। कन्वेंशन में आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए सीपीएम के राज्य सेक्रेटरी सुरेंद्र मलिक ने बताया कि देश और प्रदेशों की भाजपा सरकारें बड़े आक्रामक ढंग से सांप्रदायिक और पूंजीपरस्त नीतियों को लागू करके बहुपक्षीय हमला कर रही है। देश का भविष्य आज दांव पर है। भाजपा और आरएसएस ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए देश-विदेश में धार्मिक एवं जातिगत आधार पर नफरत और हिंसा को बढ़ावा देकर समाज में विभाजन पैदा करने का काम किया है। ऐसा करते हुए उन्होंने देश के सार्वजनिक संसाधनों और खजाने को अपने चेहते अडानी अंबानी जैसे पूंजीपति मित्रों को सौंपने और हथियाने की नीतियां लागू की है। कॉरर्पोरेट घरानों का
हो गया है। शिक्षा नीति बनाकर शिक्षा का व्यापारीकरण और संप्रदायिकरण किया जा रहा है। यह बिल्कुल बर्बादी का रास्ता है। सरकार ने किसानों कीआमदनी को दुगना करने का वायदा किया था। इसके बजाय किसानों और मजदूरों की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। उनका कर्जा दुगना हो गया है। आज भी किसान आत्म हत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अभी तक एमएसपी का कानून नहीं बनाया गया है। इसी बीच मोदी सरकार ने पूंजीपति घरानों के 25 लाख करोड रुपए के बैंक लोन माफ कर दिए। उन पर लगने वाला टैक्स आधा कर दिया गया है। वहीं आम जनता पर टैक्सों की भरमार कर दी है। दही लस्सी तक पर टैक्स लगा दिया है। इसकी वजह से महंगाई से लोग तरस्त हैं। कन्वेंशन को सीपीआई के नेशनल सेक्रेट्री शिव कुमार दावले ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमें इस सरकार की नीतियों का मुकाबला करने के लिए अपने परिवारों के प्रत्येक सदस्य को आंदोलन में शामिल करना होगा। यह सरकार लोकतंत्र का चीर हरण कर रही है। अभी आपने चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव को देखा होगा। जिसमें चुनाव अधिकारी विरोधी दल के पार्षदों की वोटो को खराब करता हुआ दिखाई दे रहा है। सरकार सभी सार्वजनिक इकाइयों इस्पात स्टील कंपनियों को बेच रही है। एन एच पी सी के वर्कर सरकार की नीतियों की वजह से खासे परेशान हैं। पहले संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों सरकार की नीतियों के खिलाफ 26 से 28 नवंबर तक राज्यों की राजधानी में जोरदार प्रदर्शन किए थे। इसके बाद 26 जनवरी को जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर परेड निकाली गई। अभी लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर थार गाड़ी चढ़ाने वाले केंद्रीय मंत्री अजय टैनी के दोषी पुत्र को सजा नहीं दी है। और मंत्री को पद से नहीं हटाया है। इस सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को पूरे देश के मजदूरों किसानों ने आम हड़ताल और ग्रामीण बंद का एलान किया हैं। सभी से अनुरोध है। कि इस हड़ताल को सफल बनाओ है। केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ और आम जनता के हित में नीतियों का निर्माण करने के लिए आगामी लोकसभा के मध्य नजर 25 फरवरी को जींद में होने वाली रैली को सफल बनाओ। कन्वेंशन को सीपीआई के जिला सचिव बेचू गिरी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को निकट भविष्य में सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष को मजबूती प्रदान करने का आह्वान किया। कन्वेंशन को सीटू के जनरल सेक्रेटरी जय भगवान ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा की सरकार की जन विरोधी नीतियों का मुकाबला डटकर करना होगा। सभा को सीपीएम के जिला सेक्रेटरी शिव प्रसाद ने भी संबोधित किया।
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