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जीएसटी विभाग के अधीक्षक व निजी सीए को एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने रंगे हाथ पकड़ा

Posted by : pramod goyal on : Saturday 10 February 2024 0 comments
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 पानीपत में उद्यमी को जीएसटी न भरने पर एक करोड़ रुपये जुर्माने का भय दिखाकर साढ़े 10 लाख रुपये रिश्वत लेने वाले जीएसटी विभाग के अधीक्षक व एक निजी सीए को करनाल एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया है। इनके पास से एसीबी ने साढ़े 10 लाख रुपये बरामद किए हैं। ये कई दिन से उद्यमी को एक करोड़ रुपये जुर्माने का भय दिखाकर डरा रहे थे। अधीक्षक व सीए पर केस दर्ज कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

एसीबी करनाल के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने बताया कि जीएसटी के अधिकारियों ने छह फरवरी को सेक्टर 25 में एक फैक्टरी में रेड की थी। यहां जीएसटी के अधीक्षक प्रेम राज मीणा अपनी टीम के साथ गए थे। अधीक्षक प्रेम राज मीणा ने उद्यमी को कहा कि वो जो माल बेच चुके हैं उस पर 12 प्रतिशत के हिसाब से जीएसटी नहीं काटी गई है। ये दंडनीय अपराध है। उद्यमी ने अपना मत देते हुए कहा कि कुछ माल पर पांच प्रतिशत बनती है। कुछ माल पर सात व नौ प्रतिशत जीएसटी बनती है। जो सरकार की जीएसटी की निर्धारित दर है उन्होंने उसी हिसाब से जीएसटी काटी है। अधीक्षक प्रेम राज मीणा ने कहा कि पूरे माल पर 12 प्रतिशत लगेगा। इसलिए उस पर एक करोड़ रुपये जुर्माना लगेगा। उद्यमी को इतने जुर्माने के नाम पर डराया गया।



सात फरवरी को अधीक्षक प्रेम राज मीणा दोबारा उद्यमी की फर्म में गए और यहां एक निजी फर्म के सीए को बुलाया। सीए के माध्यम से जीएसटी 11 लाख रुपये बताया और कहा कि ये कर तो भराना होगा। इसके लिए उद्यमी से 12 लाख रुपये रिश्वत मांगी गई। उद्यमी ने कहा कि वो एक साथ इतने पैसे नहीं दे सकता। उसने अधीक्षक प्रेम राज मीणा को शांत करने के लिए उसने मजबूरी में तीन लाख रुपये उसे दे दिए।

फिर अधीक्षक प्रेम राज मीणा ने सीए के माध्यम से नौ लाख रुपये का दबाव बनाना शुरू कर दिया। शुक्रवार को उद्यमी प्रेम राज मीणा के पास गए थे। प्रेम राज मीणा ने कहा कि पैसे कम नहीं होंगे। वो सीए से जाकर मिल ले। वो सीए पंकज खुराना के पास गए तो उसने नौ लाख की डिमांड की। उन्होंने कहा कि उनके पास अभी सात लाख रुपये का इंतजाम है। प्रेम राज मीणा व सीएम पंकज खुराना नहीं माने और नौ लाख रुपये का दबाव बनाते रहे। शिकायकर्ता उद्यमी ने शुक्रवार को करनाल एंटी करप्शन ब्यूरो को अपनी शिकायत दी। यहां से इंस्पेक्टर सचिन कुमार के नेतृत्व में टीम को गठन किया गया।


टीम सीधा सीए पंकज खुराना के पास पहुंची। यहां से उसको हिरासत में लिया गया। इसको साथ लिया गया। सीए पंकज खुराना ने अधीक्षक पवन मीणा को मितल मेगा माॅल के पास बुलाया। यहां शिकायतकर्ता को सीए पंकज खुराना के साथ अधीक्षक पवन मीणा की गाड़ी में भेजा गया। शिकायतकर्ता ने जैसे ही अधीक्षक को सात लाख रुपये दिए एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। उससे सात लाख रुपये बरामद किए गए। इसके बाद टीम ने उससे पहले लिए गए तीन लाख रुपये भी बरामद किए गए। एसीबी की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। इस मामले से जुड़े अन्य अधिकारियों की भी जांच की जा रही है।

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