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16 फरवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर पर होगी ऐतिहासिक देश व्यापी हड़ताल

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 7 February 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 7 फरवरी आगामी 16 फरवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त  किसान मोर्चा के आवाहन पर पर होगी ऐतिहासिक देश व्यापी हड़ताल। यह जानकारी जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने दी। हड़ताल की तैयारी के सिलसिले में कल एचएमएस ऑफिस नीलम पुल के नीचे जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल की बैठक हुई। जिसमें हड़ताल को सफल बनाने के लिए रणनीति तैयार की गई। इस हड़ताल का नोटिस आज  उपायुक्त फरीदाबाद को  दे दिया। इस मौके पर इंटक के हुकम चंद बेनीवाल,एटक के मिथलेश कुमार एचएमएस के प्रधान आर डी यादव,

 सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, आईसीटीयू के कामरेड जवाहरलाल, सर्व कर्मचारी संघ के जिला जिला सचिव युद्ध वीर सिंह खत्री उपस्थित रहे । इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए 12 फरवरी को सीही मेट्रो स्टेशन से पटेल नगर तक मजदूरों की रैली निकाली जाएगी। इसके बाद 13 फरवरी को आईएमटी चौक से औद्योगिक क्षेत्र के लिए रैली निकाली जाएगी। 14 फरवरी को डीएलएफ एरिया में  जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।  कन्वीनर ने कहा कि 2

साल पहले किसानों ने 13 महीने तक ऐतिहासिक  आंदोलन चलाया । किसानों की एकता के आगे मोदी सरकार को घुटने टेकने पड़े और तीन काले कानूनों को सरकार  ने  वापस लिया। इस आंदोलन को मजदूरों और आम जनमानस का व्यापक समर्थन मिला था।  लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की कानूनी गारंटी, बिजली निजीकरण विधेयक की वापसी के मामले में जो वायदे किए गए थे।, उन पर मोदी सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की है। मजदूरों को गुलाम बनाने के लिए पारित चार लेबर कोड्स को भी सरकार वापस नहीं ले रही।  कुख्यात लखीमपुर-खीरी कांड की साज़िश रचने वाले मंत्री को पद से नहीं हटाया गया है। किसानो मजदूरों के हितों को ध्यान में रखते हुए जो भूमि अधिग्रहण कानून (2013)बनवाया गया था  भाजपा सरकारों द्वारा उसमें बदलाव करके जमीनें भी छीनकर कॉरपोरेट कंपनियों को देने का रास्ता साफ कर दिया है।  किसान का गन्ना, कपास, सरसों, धान, सब्जियां और अन्य फसलें लूटी जा रही हैं। इनके लागत खर्च बढ़ने और पूरे भाव न मिलने से किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है । फसलों  के खराब होने पर मुआवजे तक का प्रावधान नहीं किया जा रहा है। केंद्रीय परियोजनाओं के तहत काम करने वाली विभिन्न  स्कीम वर्करों को  न्यूनतम वेतन प्राप्त करने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ता है। खाद्य पदार्थो जीवन रक्षक दवाइयों, रसोई गैस, सीएनजी पीएनजी और  डीजल और पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने आम लोगों के जीवन को पीड़ा दायक बना दिया  है। स्मार्ट मीटर लगाकर गरीब लोगों को अंधेरे में रखने की योजना बन रही है। गांव व शहर में आवास का भारी संकट है। फैमिली आई डी के नाम पर तमाम कल्याणकारी योजनाओं से लाभार्थियों को वंचित किया जा रहा है। सभी कार्यों में ऑनलाइन प्रकिया आम जन को लूटने का जरिया बना दी गई है। हाल ही में पारित भारतीय न्याय संहिता 2023 में ड्राइवरों को सजा व जुर्माने के खतरनाक प्रावधान किए गए हैं।
केंद्र व हरियाणा की भाजपा सरकारें जनता के खून पसीने से खड़ी की गई देश की बहुमूल्य संपत्तियों को अडानी- अंबानी जैसे बड़े पूंजीपतियों और देसी- विदेशी पूंजीपतियों के हाथों में बेच रही  है। । शिक्षा स्वास्थ्य बिजली पानी परिवहन रेल यातायात और हवाई अड्डों सहित सभी सरकारी विभागों का निजीकरण कर दिया है।  ऐसा करके सरकार अपनी जन कल्याणकारी योजनाओं से पल्ला झाड़ रही हैं। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है सरकारी विभागों में खाली पद रिक्त हैं । लेकिन सरकार नियुक्तियां नहीं करना चाहती है। ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का सरकार का कोई इरादा नहीं है। एक तरफ देश के सांसदों और विधायकों को मिलने वाली पेंशन में इजाफा हो रहा है। दूसरी तरफ केंद्र की सरकार एनपीएस को बढ़ावा दे रही है । फैक्ट्री में कैजुअल और ठेके पर वर्कर रखे जाते हैं। इनको भी न्यूनतम वेतन  इएसआई पीएफ नहीं दिया जा रहा है। केंद्र की सरकार ने सैन्य बलों मे भी  अग्निवीर योजना लाकर हमारी युवा पीढ़ी को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया  है।

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