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फरीदाबाद 18 जनवरी फरीदाबाद, कामगार यूनियन फरीदाबाद संबंधित सीटू ने आज उपायुक्त कार्यालय फरीदाबाद के सम्मुख जोरदार प्रदर्शन करके उत्तर प्रदेश, के मुख्यमंत्री के नाम चार सूत्री मागों का ज्ञापन सीटीएम फरीदाबाद को सौंपा। कड़ाके की सर्दी होने के बाबजूद सीटू की विभिन्न यूनियनों के कार्यकर्ता सैक्टर 12 में राजस्थान भवन के सामने एकत्रित हुए। यहां पर हुई सभा की अध्यक्षता कामगार यूनियन के प्रधान रवि ने की। इस सभा को सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंग
वाल ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने 4 जनवरी को मानिताऊ इक्युपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा के मजदूरों और सीटू के जिला प्रधान गंगेश्वर दत्त पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। वर्करों को उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा, में जेसीबी मशीन का उत्पादन करने वाली मानिताऊ इक्विपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की फ्रांस की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इस कंपनी में पिछले दो वर्षों से ठेका श्रमिकों ने आंदोलन
करके बहुत सारी मांगे प्राप्त की। इस कारखाने में रेगुलर मजदूर केवल 152 हैं। जबकि ठेका श्रमिक 225 है। कारखाना प्रबंधन ने काम नहीं होने का बहाना बना कर 3 जनवरी 2024 को 31 ठेका मजदूरों को बिना किसी लिखित नोटिस के काम से निकाल दिया । इसके विरोध में मजदूरों ने कारखाने के सामने धरना, प्रदर्शन शुरू किया। मैनेजमेंट ने गुंडा तत्वों की सहायता से 4 जनवरी को मजदूरों पर जान लेवा हमला कर दिया। जिसमें कई मजदूरों को चोंटें आई। और गौतम बुद्ध नगर के सीटू जिला अध्यक्ष कामरेड गंगेश्वर को भी गंभीर चोंटें मारी गई। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए प्रधान रवि और वीरेंद्र पाल ने कहा कि जैसे कि ठेका मजदूर आज सरकार की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा शोषित और पीड़ित है। मालिक और ठेकेदार इनका शोषण करते हैं। इन ठेका श्रमिकों को बुनियादी सुविधाएं जैसे समान काम के लिए समान वेतन, अनियमित वेतन भुगतान, ईएसआई एवं प्रोविडेंट फंड, सालाना बोनस, ग्रेजुएटी, छुट्टियों इत्यादि का लाभ नहीं मिलता है। इन मांगों को लेकर सीटू की यूनियनें संघर्ष करती रहती हैं। लेकिन मालिक बुनियादी सुविधाओं को नहीं दे रहे है। इस कंपनी में भी मजदूरों पर इसी तरह के अत्याचार हो रहे थे। जब मजदूर अपनी न्यायोचित मांगों के लिए आंदोलन करते हैं। तब मालिक इसी तरह के हथकंडे अपनाते हैं।इस कंपनी में भी इसी तरह की घटना को मालिकों ने अंजाम दिया। सरकार और मालिकों द्वारा उत्पादन में पक्के मजदूरों की घटती संख्या और ठेका मजदूरों की बढ़ती संख्या इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये जा रहे चार नए लेबर कोड्स इस शोषणकारी व्यवस्था को और मजबूत करने वाले हैं। सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों का मजदूरों को डटकर विरोध करना होगा। इसी को मध्य नजर रखते हुए मानिताऊ कारखाने से काम से हटाए गए श्रमिकों की बहाली, और 4 जनवरी 2024 को मजदूरों, और उनके नेताओं पर किए गए जान लेवा हमले के दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने और स्थाई काम पर लगे ठेका मजदूरों के लिए समान काम के लिए समान वेतन देने और श्रमिक विरोधी चार लेबर कोडस को रद्द करने की मांग की गई। आज के प्रदर्शन में कई श्रमिक नेताओं ने भाग लिया।
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