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नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति और मातृभाषा के साथ रोजगार परक भी : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

Posted by : pramod goyal on : Sunday 10 December 2023 0 comments
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 फरीदाबाद,10 दिसम्बर। महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि संपूर्ण विश्व में योग जैसी भारतीय पारंपरिक एवं सांस्कृतिक विद्या को जन-जन तक पहुंचाने वाले ओम योग संस्थान ट्रस्ट के इस पवित्र प्रांगण में आज जो यह भव्य आध्यात्मिक समागम देखने को मिला है, इसको देखकर और इसमें भाग लेकर उन्हें  बहुत ही ऊर्जावान अनुभव कर रहा है।


फरीदाबाद क्षेत्र जिस को औद्योगिक नगरी के नाम से जाना और पहचाना जाता है, उसने आज ओम योग संस्थान की गतिविधियों के फलस्वरूप आध्यात्मिक नगरी का भी स्वरूप ले लिया है। ऐसा अलौकिक दृश्य देखकर मुझे बहुत ही आत्मिक आनंद महसूस कर रहा है और इस सबकी झलक आप सबके चेहरों पर भी देख रहा हूं।

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि अरावली पर्वत की श्रृंखलाओं में स्थित प्राकृतिक सौंदर्य एवं हरियाली से भरपूर यह समस्त क्षेत्र अत्यंत ही सौभाग्यशाली है कि यहां पर इस प्रकार के आध्यात्मिक कार्यक्रमों के आयोजन होते रहते हैं तथा ओउम योग संस्थान में प्रतिदिन होने वाले वैदिक यज्ञ तथा आज विशेष रूप से पच्चीस वेदियों पर होने वाले सामवेद यज्ञ और गायत्री महायज्ञ का आयोजन इस क्षेत्र को अत्यंत ही सकारात्मक ऊर्जा से भर रहा है, न सिर्फ यहां पर उपस्थित जन समूह के तन-मन व आत्मिक दोषों को दूर कर रहा है अपितु जहां तक इस यज्ञ का यह पवित्र धुआं जाएगा, वहां तक सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाएगा।

योगीराज जी का जन सेवा में समर्पित जीवन और ओम योग संस्थान का दिन-रात शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, योग प्रशिक्षण व शिविरों द्वारा व समाज के लिए अनेकों कल्याणकारी कार्य करने का संकल्प आज सार्थक हो रहा है। योगीराज जी के द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष तथा अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड आदि विदेशों में जाकर भारतीय योग तथा संस्कृति की गहनता को लोगों तक पहुंचाना बहुत ही सार्थक प्रयास है। योगीराज जी द्वारा योग को संगीत के साथ जोड़कर, इसका अभ्यास लयबद्ध तरीके से करवाना बहुत ही अद्भुत और सराहनीय है।

संस्था का यह रजत जयंती समारोह किसी भी पर्व से काम नहीं है और यहां पर देखने से पता चलता है कि यहां पर उपस्थित यह जनमानस इस संस्थान से और योगीराज जी से किस प्रकार लगाव रखता है। संस्थान का अवलोकन करते हुए देखा कि यहां चलाए जा रहे विद्यालय में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ हमारी महान संस्कृति, सभ्यता, चारित्रिक, अनुशासन, सेवा तथा राष्ट्रभक्ति को प्रमुखता दी जाती है। यहां के छात्र-छात्राएं शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आत्मिक स्तर पर बहुत ही सुदृढ़ है। ऐसे ही बच्चे आगे चलकर राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बनते हैं तथा देश को उन पर गर्व होता है। योगीराज जी राष्ट्र निर्माण के लिए जो मजबूत नींव तैयार कर रहे हैं, उसके लिए आप सब प्रशंसा के पात्र हैं और इस पावन कार्य के लिए आप सबको हार्दिक बधाई प्रदान करता हूं।

संस्था का यह रजत जयंती समारोह किसी भी पर्व से काम नहीं है और यहां पर देखने से पता चलता है कि यहां पर उपस्थित यह जनमानस इस संस्थान से और योगीराज जी से किस प्रकार लगाव रखता है। संस्थान का अवलोकन करते हुए देखा कि यहां चलाए जा रहे विद्यालय में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ हमारी महान संस्कृति, सभ्यता, चारित्रिक, अनुशासन, सेवा तथा राष्ट्रभक्ति को प्रमुखता दी जाती है। यहां के छात्र-छात्राएं शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आत्मिक स्तर पर बहुत ही सुदृढ़ है। ऐसे ही बच्चे आगे चलकर राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बनते हैं तथा देश को उन पर गर्व होता है। योगीराज जी राष्ट्र निर्माण के लिए जो मजबूत नींव तैयार कर रहे हैं, उसके लिए आप सब प्रशंसा के पात्र हैं और इस पावन कार्य के लिए आप सबको हार्दिक बधाई प्रदान करता हूं।

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