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फरीदाबाद 3 नवंबर -
सरकार की बेरुखी को देखते हुए ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल 10 नवंबर तक बढ़ाई । इसका ऐलान जिला प्रधान महेंद्र सिंह माढोतिया और जिला सचिव दिनेश पाली ने संयुक्त रूप से किया। जैसा की 2 दिन से यूनियन के सैकड़ो सदस्य उपायुक्त कार्यालय के सम्मुख अपनी मांगों के समर्थन में पड़ाव में बैठे हुए थे। हड़ताली कर्मचारियों ने पूरी रात नारे बाजी की। हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने सरकार पर कर्मियों की मांगों को लागू करने में टालमटोल की नीति अपनाने का आरोप लगाया। पड़ाव के समापन से पहले कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन भी किया। इसके फौरन बाद महामहिम राज्यपाल के नाम 16 सूत्री मांगों का ज्ञापन एडीसी फरीदाबाद, श्री आनन्द शर्मा को सौंपा गया। नेताओं ने बताया कि आज हड़ताल को 25 दिन हो गए हैं। लेकिन सरकार ने मांगों को लागू करना तो दूर की बात रही शिष्ट मंडल को बातचीत के लिए भी बुलाना उचित नहीं समझा। सरकार के इस रूख से कर्मचारीयों में भारी नाराजगी व्याप्त है। यूनियन सरकार से बढ़ती हुई आबादी के हिसाब से ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की अतिरिक्त भर्ती की मांग कर रही है। लेकिन ऐसा करने के वजाय जिन ग्रामीण सफाई कर्मचारीयों की कार्य करते हुए मृत्यु हो गई उनके आश्रितों को अभी तक सेवा में नहीं लगाया गया है। ग्रामीण सफाई कर्मचारी अपनी ड्यूटी का निर्वहन ईमानदारी के साथ करते हैं। उनसे से गांवों में बेगार भी ली जाती है। इसके बावजूद भी वे जनहित का कार्य करने से पीछे नहीं हटते हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सफाई कर्मियों की सुविधाओं में भी काफी अंतर है। जहां एक तरफ शहरी सफाई कर्मियों को फेस्टिवल एडवांस मिलता है। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को त्योहार के मौके पर कुछ भी नहीं मिलता है। यहां तक की वेतन भी समय पर नहीं दिया जाता है। सरकार की इस भेदभावपूर्ण नीति से कर्मचारी बेहद परेशान है। क्योंकि उसका शोषण बंद नहीं हो रहा है। जहां एक तरफ महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ़ सम्मानजनक वेतन देने के बजाय मुख्यमंत्री जी एक हजार रुपए की वृद्धि की एक तरफ घोषणा कर देते हैं। जो इस बढ़ती हुई महंगाई में बहुत कम है। ग्रामीण सफाई कर्मचारी पिछले 17 बरसों से कार्यरत हैं। उनको रेगुलर करने की कोई योजना नहीं है। जबकि दूसरे राज्यों की सरकारें कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की घोषणा करती रहती हैं। लेकिन हरियाणा की सरकार इस नीति को नहीं बना रही है। सभी प्रकार के पक्के कार्यों को कच्चे कर्मचारियों से ही पूरा करवाया जा रहा है। यूनियन मांग करती है। कि जब काम पक्का है। तो उस काम पर पक्का कर्मचारी ही लगाया जाना चाहिए। लेकिन हरियाणा की सरकार इस दलील को सुनने को तैयार नहीं है। परिणाम स्वरूप सभी विभागों में कार्यों को ठेके पर देने की योजना बनाई जा रही है। सफाई कर्मचारियों ने संकल्प लिया है। कि जब तक राज्य की सरकार मांगों को लागू नहीं करती है। उनकी हड़ताल लगातार जारी रहेगी। आज के प्रदर्शन को राजू प्रधान ब्लॉक तिगांव, नरेश प्रधान ब्लॉक फरीदाबाद, विनीत सचिव खंड बल्लभगढ़, महेंद्र सिंह
धकेली देवी, गुलाब हीरापुर, मनोहर हीरापुर, अजीत मोहना, विनोद मझौली, राजेंद्र बहादुरपुर, नगला से शीशपाल, कुलदीप सिंह, सुनील पारछा अरूवा, शाहजहांपुर से भीम, रमेश शाहाबाद, विजय गांव जुनेहडा, राजू सुनपेड़ आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किया।
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